अब सामने आई चंडीगढ़ की जंग, कैप्टन और खेर में हुए आमने- सामने
उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सामने कर्मचारियों और अधिकारियों की तैनाती में पंजाब के साथ हो रहे भेदभाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन के अवसर पर केंद्र की ओर से चंडीगढ़ प्रशासन में अधिकारियों की तैनाती में 60 : 40 के अनुपात का फैसला लिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र के इस फैसले का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है।
कैप्टन ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसका सीधा संबंध देश के केंद्र शासित राज्यों के सभी सरकारी कार्यालयों में पंजाब व हरियाणा के बीच है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से अपील की कि सभी विभागों व कर्मचारी श्रेणियों में भर्ती के मौके 60 :40 के अनुपात का सख्ती से पालन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश जारी किए जाएं।
वहीं, दूसरी ओर चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आरोप खारिज करते हुए गृहमंत्री के नाम एक पत्र दिया। सांसद खेर ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में कहा कि रीआर्गेनाइजेशन एक्ट के बाद यह सहमति बनी थी कि पंजाब अपने 60 प्रतिशत तथा हरियाणा अपने 40 प्रतिशत अधिकारी चंडीगढ़ को देगा।
लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन के बार- बार कहने के बाद भी पंजाब व हरियाणा सरकारों से अधिकारी नहीं मिलते हैं। इससे चंडीगढ़ में अधिकारियों की कमी रहती है। खेर ने कहा कि चंडीगढ़ में डॉक्टरों की कमी है तथा पंजाब व हरियाणा डॉक्टर नहीं भेज रहे हैं। चंडीगढ़ में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 63 डॉक्टर चाहिए। अगर पंजाब व हरियाणा डॉक्टर नहीं भेज सकते हैं तो इस कमी को दूर करने के लिए चंडीगढ़ को स्थानीय स्तर पर डॉक्टर नियुक्त करने की मंजूरी दी जानी चाहिए। इस मसले पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा को आपस में सहमति बनाए जाने के निर्देश दिए है।
चंडीगढ़ वालों से डोमिसाइल न मांगें पंजाब-हरियाणा
डोमिसाइल के मुद्दे पर सांसद किरण खेर ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कहा कि पंजाब रीआर्गेनाइजेशन एक्ट के प्रभाव में आने के बाद चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेश होते हुए पंजाब व हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी बनी। पंजाब, हरियाणा व पड़ोसी राज्यों के लोग चंडीगढ़ में आते हैं तथा उन्हें यहां नौकरी मिल जाती है।
लेकिन जब चंडीगढ़ के स्थानीय लोग हरियाणा या पंजाब में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करते हैं तो उन्हें संबंधित राज्य का डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने को कहा जाता है। यह बिलकुल गलत है। पंजाब व हरियाणा को उसकी राजधानी में रहने वाले स्थानीय लोगों से डोमिसाइल नहीं मांगना चाहिए।