आरक्षण की राह में दो अहम तिथियां
हरियाणा में अब जाटों सहित जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी और मुल्ला जाट/मुस्लिम जाट जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। एक्ट के माध्यम से दिए गए आरक्षण पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहले ही रोक लगा चुका है और अपना फैसला सुरक्षित रख चुका है। हरियाणा सरकार की ओर से इन्हें आरक्षण का लाभ देने के लिए आर्थिक पिछड़ा वर्ग में शामिल किए जाने पर भी अब हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। ऐसे में अब वर्तमान में चल रही नियुक्तियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए इन 6 जातियों को किसी प्रकार का कोई आरक्षण नहीं होगा।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जाटों सहित 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ पाने वाली जातियों की श्रेणी में शामिल करने पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार और जाटों को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने इन 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किए और साथ ही हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।
मामले में विकास व अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर हरियाणा सरकार के जून 2017 के प्रशासनिक आदेशों को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से बहस करते हुए सीनियर एडवोकेट वीके जिंदल और एडवोकेट गोबिंद शर्मा ने हरियाणा सरकार के इस निर्णय को कानून के विरुद्ध करार दिया। याची ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 2013 की नोटिफिकेशन के माध्यम से सामान्य श्रेणी की जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देने का फैसला लिया था। इस नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट था कि जिस जाति को किसी और श्रेणी में आरक्षण का लाभ मिला है, उसे इस श्रेणी में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा।