इसलिए लगाना था एंट्री टैक्स
बाहरी राज्यों से चंडीगढ़ में आने वाले कामर्शियल वाहनों और कैब पर एंट्री टैक्स लगाने के नगर निगम के प्रस्ताव को प्रशासन ने खारिज कर दिया है। प्रशासन ने नगर निगम के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि जीएसटी लागू होने से एंट्री टैक्स कोई महत्व नहीं रहता। यह टैक्स जीएसटी के अंतर्गत ही आता है। इस फैसले से शहरवासियों को बड़ी राहत मिल गई है।
यदि यह टैक्स लागू होता तो बाहर से आने वाले खाद्य पदार्थ और कैब का सफर महंगा हो सकता था। नगर निगम ने तीन माह पहले कामर्शियल वाहनों पर एंट्री टैक्स लगाने का निर्णय लिया था। प्रशासन से मना होने के बाद नगर निगम ने अपने एक्सपर्ट से इस संबंध में बात की तो उन्होंने भी माना कि जीएसटी लागू होने पर एंट्री टैक्स नहीं वसूला जा सकता।
इसलिए लगाना था एंट्री टैक्स
नगर निगम की वित्तीय हालात लगातार बिगड़ रही है। रेवन्यू बढ़ाने के लिए निगम नए रास्तों की तलाश कर रहा था। स्मार्ट सिटी के तहत भी रेवन्यू बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था। इसी के तहत एंट्री टैक्स लगाने का फैसला लिया गया था।
जुलाई से लगना था टैक्स
नगर निगम जुलाई से एंट्री टैक्स लागू करने पर विचार कर रहा था। स्टडी शुरू हो गई थी कि बाहर से आने वाली गाड़ियों से कहां-कहां टैक्स वसूलना है। मेयर आशा जसवाल ने भी कहा था कि जीएसटी के लागू होने से अब उन्हें एंट्री टैक्स लागू करने का निर्णय वापस लेना पड़ेगा। उनका कहना है कि ऐसे में एंट्री की जगह अगर ग्रीन फीस लगाई जा सकती है तो इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।