चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग 190 ड्राइवरों व कंडक्टरों की कमी से जूझ रहा है। इसके चलते सीटीयू की बसों में रोज सफर करने वाले लगभग ढाई लाख लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, सीटीयू में लांग व लोकल रूट की 100 से अधिक बसें खरीदी जानी है।
सीटीयू में बसों और ड्राइवरों की कमी के कारण विभाग को सालाना करोड़ों रुपये राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) में 840 पोस्ट ड्राइवरों के लिए निर्धारित की है। जिसमें से इस समय ड्राइवरों की 100 पोस्टें खाली पड़ी हैं। वहीं, कंडक्टरों की 840 पोस्ट सैंक्शन है। इनमें से कंडक्टर की 90 पोस्ट खाली पड़ी है।
शहर में इस समय सीटीयू की 539 बसें चल रही हैं। इनमें से 413 बसें लोकल रूट पर चलाई जा रही है। वहीं, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के लिए लांग रूट की 126 बसें चल रही है। जबकि चंडीगढ़ से लाखों लोग रोजाना पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली के लिए सफर करते है। सीटीयू में लॉन्ग व लोकल रूट की बसों में कमी के चलते लाखों लोगों को अन्य राज्यों की ट्रांसपोर्ट बसों में सफर करना पड़ता है। सीटीयू विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बसों, ड्राइवरों और कंडक्टरों की कमी के कारण विभाग को मासिक 10 से 12 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।