चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन जहां कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहा है, वहीं रेलवे की ओर से इन कर्मचारियों की पूर्ति करने की बजाय नई पोस्ट जारी कर एक और अफसर नियुक्त कर दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे ने सिर्फ अफसर ही लगाया है। इसके नीचे कार्य करने वाले स्टाफ के बारे में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नही है।
यदि डायरैक्टर के नीचे कार्य करने वाला स्टाफ नियुक्त नहीं किया जाएगा तो और भी मुश्किल होगी। सबसे ज्यादा असर पार्सल विभाग पर पड़ रहा है, जहां सिर्फ 4 पोटर के साथ काम किया जा रहा है। इसके साथ ही कमर्शियल विभाग में भी कर्मचारियों का अभाव है, जिसके कारण पिछले 4 साल से मैन पावर के अभाव में सिर्फ 3 टिकट काऊंटर खुल रहे हैं। लोगों को टिकट खरीदने के लिए भी घंटों लाइन में लगना पड़ता है। रेलवे स्टेशन पर तकरीबन 50 कर्मचारियों का अभाव हैं। ऐसे में क्या एक डायरैक्टर नियुक्त करने से रेलवे के काम को रफ्तार मिलेगी?
प्लेटफार्म टिकट के लिए भी लगना पड़ता हैं लाइन में
रेलवे की ओर से स्टेशन पर 6 नए टिकट काऊंटर बनाए गए थे। लेकिन कर्मचारियों के अभाव में सिर्फ 3 टिकट काऊंटर ही खुल रहे हैं। ऐसे में यदि रिजर्वेशन काऊंटर की बात की जाए तो वहां भी 4 टिकट काऊंटरों में से सिर्फ 2 ही खुलते हैं और लोगो को टिकट बुक करवाने के लिए भी घंटो लाइन में लगना पड़ता है।
रेलवे स्टेशन के वर्कशॉप विभाग में भी कर्मचारियों का अभाव है। रेलवे स्टेशन पर न तो फिटर, कारपेंटर है और न ही मैंसर। कर्मचारियों के क्वार्टर तक रिपेयर करने के लिए कर्मचारी नहीं हैं। ट्रेनें चलाने के लिए ट्राफिक विभाग सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन यहां भी कर्मचारी पूरे नहीं हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्राफिक में तकरीबन 48 कर्मचारियों की जरूरत होती है लेकिन विभाग के पास सिर्फ 25 कर्मचारी ही हैं। इस समस्या को लेकर अधिकारियों से बात की गई लेकिन अधिकारियों का सिर्फ एक ही कहना होता है कि विचार किया जा रहा है।