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100 दिन के कार्यकाल पर नेताओं-मंत्रियों की प्रतिक्रिया

100 दिन के कार्यकाल पर नेताओं-मंत्रियों की प्रतिक्रिया

पंजाब में कमान संभालते ही कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने 30 दिन में सूबे से नशे का कारोबार जड़ से खत्म करने का वादा किया था। शुक्रवार को कैप्टन सरकार के 100 दिन पूरे होने तक सूबे में नशे का खात्मा तो नहीं हो सका, अलबत्ता इसके खिलाफ मुहिम में जुटी विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) सिस्टम में ही छिपे अपराधियों तक पहुंच गई है।
इसके साथ ही सरकार ने समयसीमा के अपने दावे को दरकिनार करते हुए यह दलील दी है कि समय चाहे कितना भी लग जाए, सूबे से नशे के कारोबार का खात्मा करके ही दम लिया जाएगा। एसटीएफ ने नशा तस्करों को संरक्षण देने और उन्हें नशीले पदार्थों की तस्करी में मदद करने के आरोप में पुलिस इंस्पेक्टर इंदरजीत सिंह को गिरफ्तार किया है।
गठन के बाद एसटीएफ की यह सबसे बड़ी कामयाबी कही जा सकती है, क्योंकि अब एसटीएफ ने उम्मीद जगाई है कि इस मामले में कई बड़े ड्रग तस्करों का पर्दाफाश हो सकेगा।

बीते सौ दिनों के दौरान, नशे के कारोबार के मुददेे पर कैप्टन सरकार के प्रयासों पर नजर डालें तो, कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी सरकार के गठन से पहले ही एक्शन मोड में आ गए थे। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही उन्होंने अपने सभी विधायकों को निर्देश जारी कर दिए थे कि वे अपने-अपने हलकों में पता लगाएं कि वहां नशे का कारोबार तो नहीं चल रहा है। साथ ही कैप्टन ने यह संकेत भी दे दिए हैं कि जिस इलाके में नशे के कारोबार का मामला सामने आएगा, उसके लिए इलाके के एसएसपी जिम्मेदार माना जाएगा इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि नशा कारोबारियों की संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी और इस संबंध में सरकार एक कानून बनाएगी। लेकिन शुक्रवार को विधानसभा सत्र के अंतिम दिन भी सरकार की ओर से सदन में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद कैप्टन ने सिस्टम में फेरबदल शुरु किया और उसी दौरान नशे के खिलाफ एसटीएफ का गठन भी कर दिया। एसटीएफ किसी दबाव में न आए, इसके लिए साफ कर दिया गया कि यह मुख्यमंत्री को ही रिपोर्ट करेगी।

एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में एसटीएफ ने काम शुरू करने के बाद पहले दो महीने में 200 लोगों को गिरफ्तार किया और 25.700 किलो हेरोइन और कई अन्य नशीले पदार्थ जब्त किए। हालांकि एसटीएफ ने पहले महीने क्विटंलों के हिसाब से भुक्की, अफीम, गांजा जैसे प्राकृतिक नशे बरामद किए थे, लेकिन इसे लेकर भी आलोचना होने के बाद एसटीएफ की नजर अब सिंथेटिक नशों पर टिक गई है। फिर भी इस दौरान एसटीएफ के हाथ नशा कारोबार से जुड़ी कोई बड़ी मछली नहीं आई।

इसी दौरान, विपक्षी दलों ने भी एसटीएफ के कामकाज पर यह कहते हुए उंगली उठानी शुरू कर दी कि टास्क फोर्स नशे के आदी लोगों को परेशान कर रही है और नशा सप्लाई करने वालों से कोसों दूर है।

आखिरकार गत 12 जून को एसटीएफ ने नशे के कारोबार में लगे पंजाब पुलिस के ही कुछ अफसरों का पर्दाफाश करते हुए अपने हाथ लगी पहली बड़ी कामयाबी का खुलासा किया। इस संबंध में एसटीएफ प्रमुख का कहना है कि गिरफ्तार किए गए पुलिस अफसरों के जरिए नशा कारोबार से जुड़े बड़े नाम सामने आ सकते हैं, लेकिन अभी जांच जारी है।

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