चंडीगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सहित अन्य उन राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में तब तक निर्माण कार्यों पर रोक लगी रहेगी जब तक वे ठोस कचरा प्रबंधन नीति तैयार नहीं कर लेते। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कुछ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन नीति तैयार नहीं करने पर उन्हें आड़े हाथ लिया और कहा कि पहले ठोस कचरा प्रबंधन नीति तैयार करें फिर निर्माण कार्यों बारे सोचें।
सुनवाई दौरान न्यायालय ने आंध्र प्रदेश को 5 लाख तथा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और केन्द्र शासित चंडीगढ़ पर 3-3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। न्यायालय इस मामले में अब 9 सितम्बर को आगे सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा, ‘‘यदि वे चाहते हैं कि लोग गंदगी व कूड़े कचरे के बीच रहें तो फिर क्या किया जा सकता है।’’
यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभी तक 2016 के ठोस कचरा प्रबंधन नियमों तहत 2 साल बाद भी कोई नीति तैयार नहीं की है। पीठ ने कहा, ‘‘यदि इन राज्यों के मन में जनता के हित और स्वच्छता व सफाई के विचार होते तो उन्हें ठोस कचरा प्रबंधन नियमों के अनुरूप नीति तैयार करनी चाहिए ताकि राज्य में स्वच्छता रहे।’’