पानी की डिग्गी में डूब रहे पौते को बचाने के लिए दादा-दादी भी कूद गए। तीनों की डूबने से मौत हो गई। योगेश अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था।
घटना हरियाणा के हिसार की है। हांसी के महजद गांव में बागवानी में एक चार साल का बच्चा खेलता हुआ वहां पर बनी एक पानी की डिग्गी में गिर गया। दादा-दादी की नजर उस पर पड़ी तो वे भी उसे बचाने के लिए पानी की डिग्गी में कूद गए।
पोते को बचाने के चक्कर में वे दोनों भी पानी में डूब गए। मृतक योगेश (4), उसके दादा रामस्वरूप (55), दादी प्रेमपति (52) के शव का नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया। योगेश अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था।
नागरिक अस्पताल में मृतक योगेश के ताऊ रामपाल ने बताया कि उसके पिता रामस्वरूप ने बागों का ठेका ले रखा है। इस सिलसिले में सुबह करीब 8 बजे उनके पिता रामस्वरूप व उसकी मां प्रेमपति भतीजे योगेश के साथ गांव से करीब दो किलोमीटर दूर बाग में गए थे। योगेश अन्य बच्चों के साथ खेलने लगा। उसके दादा-दादी काम में व्यस्त थे।
इस दौरान योगेश खेलते हुए डिग्गी में जा गिरा। आसपास खड़े बच्चों ने शोर मचाया तो योगेश के दादा-दादी मौके पर पहुंचे। पौते को डूबता देख दादा ने भी डिग्गी में छलांग लगा दी। तैरना नहीं आने के कारण वह भी डूबने लगा।
वहां खड़ी दादी ने पहले तो रस्सी फेंक कर उन्हें बचाने का प्रयास किया। जब बात नहीं बनी तो उनसे भी रहा नहीं गया। प्रेमपति भी डिग्गी में उतर आई। डिग्गी करीब 12 फीट गहरी होने के कारण वे तीनों पानी में डूब गए।
बाग में खाना लेकर पहुंची योगेश की मां रेखा ने जब उन तीनों को पानी में डूबे हुए देखा तो आसपास के लोगों को बुलाकर लाई। जब ग्रामीणों ने तीनों को बाहर निकाला तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। योगेश के पिता वीरभान राज मिस्त्री का कार्य करता है।
शादी के पांच साल बाद वीरभान ने अपने इकलौते पुत्र सहित मां-बाप को खो दिया है। शाम को तीनों का दाह संस्कार गांव के श्मशान घाट में किया गया। गांव में एक साथ तीन चिताओं के जलने पर पूरा गांव गमगीन था।
पानी के स्टॉक के लिए बनी थी डिग्गी
बाग मालिक ने पानी का स्टॉक करने के लिए निजी तौर पर डिग्गी का निर्माण कराया था। ग्रामीणों के अनुसार योगेश खेलते-खेलते हुए डिग्गी पर पहुंचा। जहां ढलान होने के चलते वह फिसलता हुआ पानी में जा गिरा। ढलान व काई होने के चलते योगेश काफी आगे तक पहुंच गया जिससे वह डूब गया।