डॉक्यूमेंट-राइटर-की-परीक्षा-में-30-से-65-साल-तक

डॉक्यूमेंट राइटर की परीक्षा में 30 से 65 साल तक

डॉक्यूमेंट राइटर की परीक्षा में 30 से 65 साल तक

21 साल बाद आयोजित हुई डॉक्यूमेंट राइटर की परीक्षा में 64 प्रतिशत आवेदक परीक्षा देने नहीं आए। छह साल पहले किए गए आवेदन के कारण अधिकतर की शक्ल में बदलाव हो गया। पुरानी फोटो से शक्ल न मिलने पर परीक्षा संचालकों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। परीक्षार्थी भी कई आईडी दिखाने को मजबूर हुए।
डॉक्यूमेंट राइटर की परीक्षा में 30 से 65 साल तक की आयु के अभ्यर्थी शामिल हुए। इसके लिए 2011 में आवेदन लिए गए थे। उस समय आवेदकों ने एक-दो साल पहले की भी फोटो लगाई हो तो अब करीब 7 से 8 साल हो गए। इतने अंतराल में शक्ल में काफी बदलाव हो जाता है। शुक्रवार को परीक्षा देने पहुंचे आवेदकों को परीक्षा देने की बजाय अपनी फोटो की पहचान कराने में मशक्कत करनी पड़ी।

फ्लाइंग स्कवायड की टीम फोटो को लेकर संतुष्ट नहीं हो पा रही थी। इस कारण आवेदकों को आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस सहित कई अन्य पहचान पत्र दिखाकर खुद को साबित करना पड़ा। डॉक्यूमेंट राइटर के लिए पांच जिलों से कुल 450 अभ्यर्थी थे। पहले पेपर में 163 अभ्यर्थी ही शामिल हुए। दोपहर दो बजे शुरू हुए दूसरे पेपर में 152 अभ्यर्थी ही आए।

पहले पेपर में करीब 64 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हुए। दूसरे पेपर में करीब 67 प्रतिशत आवेदक नहीं आए। परीक्षा के बाद सभी आवेदन सील कर ट्रेजरी में जमा कराए गए हैं। शनिवार का पेपर होने के बाद इन सभी को चंडीगढ़ मुख्यालय भेजा जाएगा।
सुबह 9 बजे पहला डॉक्यूमेंट राइटिंग का पेपर लिया गया। 100 अंक के पेपर में सात सवाल पूछे गए थे। तीन घंटे में सभी सात हल करने थे। दूसरा लीगल प्रोसीजर का पेपर दो बजे शुरू हुआ। 100 अंक के पेपर में कुल सात प्रश्न थे, जिसमें कुल 24 अलग-अलग सवाल थे। पेपर में एक्ट के बारे में पूछा गया था। तीसरा डिक्टेशन एंड टेलीग्राफी पेपर शनिवार सुबह 9 से 10.30 बजे तक होगा।

65 साल के छबीलदास बने परीक्षार्थी
डॉक्यूमेंट राइटर की परीक्षा देने पहुंचे टोहाना निवासी 65 वर्षीय छबीलदास ने बताया कि वह फिलहाल वकील के पास मुंशी का काम करते हैं। लाइसेंस मिलेगा तो खुद का काम कर सकेगा। 1988 में भी उसने यह परीक्षा दी थी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *