दुकानदार के बेटे ने किया टॉप, कर्ज लेकर कराई बेटे की पढ़ाई
कहते हैं ना, बस कुछ कर दिखाने का जज्बा मन में होना चाहिए फिर चाहे जैसे भी हालात हों वह इंसान हर मुसीबत झेलकर अपना मुकाम हासिल कर ही लेता है। बिना ट्यूशन लिए और संसाधन के अभाव में हरियाणा में 491 अंकों के साथ पहला स्थान प्राप्त कर हरीश शर्मा ने मध्यम एवं निम्न वर्ग के विद्यार्थियों को प्रेरित किया है। पापा को छोटी सी दुकान पर डीवीडी बेचते देख बड़े हुए हरीश ने बचपन में ठान लिया था कि उसे डॉक्टर बन लोगों की सेहत ठीक करनी है।
बहादुर गढ़ में चाचा के क्लीनिक को देख भी हरीश के मन में डॉक्टर बनने की इच्छा बलवती हो गई थी। इसी का परिणाम था कि 12वीं में मेडिकल लेकर बायोलॉजी में 100 अंक हासिल कर अपने हौसलों को बता दिया। शर्मा ने फिजिक्स में 99 एवं कैमेस्ट्रि में 98 अंक प्राप्त किए हैं। सूबे के टॉपर हरीश शर्मा और उनके परिजनों से अमर उजाला ने विशेष बातचीत करउनकी परिस्थितियां जानीं।
कर्ज लिया लेकिन नहीं रुकने दी पढ़ाई
बातचीत में हरीश के पिता सुनील शर्मा ने बताया कि वह कोसली में डीवीडी किराए पर देकर घर का गुजर बसर करते थे। इसके बाद कुछ दिनों पहले ही कुछ पैसे उधार लेकर बैट्री की दुकान शुरू की है। उन्होंने बताया कि आज के समय में पढ़ाई काफी मंहगी हो चुकी है।
किताबें भी बहुत मंहगी आती हैं। बड़ी बेटी बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है। हरीश की पढ़ाई के दौरान उन्हें कई बार पैसे की जरूरत पड़ी। लेकिन उन्होंने कभी भी हरीश की पढ़ाई को बाधित नहीं होने दिया। इसके लिए कई बार पैसा उधार भी लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज बेटे ने सारी मेहनत वसूल कर दी है।