नॉमिनेटेड पार्षदों के मामले में यूटी प्रशासन और केंद्र एकमत, 18 मई को आखिरी बहस
चंडीगढ़ नगर निगम में नॉमिनेटेड पार्षद के मताधिकार के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन ने अपने जवाब में संविधान के अनुच्छेद-243 पर अपना पक्ष रखा। यूटी प्रशासन ने स्टैंडिंग काउंसिल सुवीर सहगल ने कहा कि अनुच्छेद के तहत चाहे नामित पार्षदों को मताधिकार हासिल नहीं है, लेकिन अनुच्छेद-243 जेडबी के तहत राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह प्रावधान से केंद्र शाषित प्रदेश को छूट दे सकते हैं। इसी अधिकार का इस्तेमाल कर चंडीगढ़ को इस मामले में छूट दी गई है।
चंडीगढ़ प्रशासन के इस जवाब पर केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने भी सहमति जताते हुए कहा कि केंद्र का भी इस मामले में यही पक्ष है। इसके बाद नॉमिनेटेड पार्षदों ने भी चंडीगढ़ प्रशासन के जवाब को अपना लिया। जस्टिस एसएस सारों एवं जस्टिस दर्शन सिंह की खंडपीठ ने इस जवाब को रिकॉर्ड में लेते हुए मामले की सुनवाई 18 मई को अंतिम बहस के लिए स्थगित कर दी।