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पंजाबी भाषा के लिए परमानेंट लोक अदालत के साइन-बोर्ड पर पोती कालिख

सेक्टर-17 स्थित डीसी आफिस के सामने पार्किंग एरिया में लगे परमानेंट लोक अदालत के साइन बोर्ड पर मंगलवार सुबह कालिख पोत दी गई। सरकारी संपत्ति को इसलिए नुकसान पहुंचाया गया, क्योंकि उस पर पंजाबी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया था। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के जुर्म में पुलिस ने आरोपी को पकड़े जाने के बावजूद उस पर कोई कार्रवाई नहीं की।

बता दें कि बलजीत सिंह खालसा को चंडीगढ़ पुलिस ने पहले भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर गिरफ्तार किया था। तब बलजीत सिंह खालसा ने सेक्टर-17 स्थित पार्किंग एरिया में लगे जिला उपायुक्त व डीसी कार्यालय के साइन बोर्ड पर कालिख पोत दी थी। इस पर जिला अदालत ने बलजीत सिंह खालसा पर दिल्ली डिफेसमेंट एक्ट के तहत 7500 रुपये जुर्माना लगाया था।

सेक्टर-17 नीलम पुलिस चौकी इंचार्ज सरिता ने बताया कि बलजीत सिंह खालसा को मंगलवार को एक बार फिर सरकारी संपत्ति का नुकसान करते समय पकड़ा गया। चौकी इंचार्ज ने कहा कि आरोपी बलजीत सिंह खालसा ने डीसी आफिस के सामने पार्किंग में लगे परमानेंट लोक अदालत के सीमेंटेड साइन बोर्ड पर इसलिए कालिख पोती, क्योंकि उस पर पंजाबी में परमानेंट लोक अदालत नहीं लिखा हुआ था। पुलिस बलजीत सिंह खालसा को उस समय वहां से पकड़ कर ले गई, लेकिन दबाव में आकर पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले बलजीत सिंह खालसा पर कोई कार्रवाई नहीं की।

यह है मामला
बलजीत सिंह खालसा के खिलाफ सेक्टर-17 थाना पुलिस ने 13 जुलाई 2017 में दिल्ली डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रापर्टी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। मामले में शिकायतकर्ता एक निजी बैंक का सिक्योरिटी गार्ड था। पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार बलजीत सिंह खालसा सुबह 5.30 बजे के करीब स्कूटर से डीसी आफिस के पास आया और वहां सरकारी साइन बोर्ड पर काली स्याही फेंक दी थी। बलजीत सिंह इसके अलावा भी शहर के कई अन्य सरकारी और निजी साइन बोर्ड जो पंजाबी में नहीं थे उन पर काली स्याही फेंक चुका है। इसके लिए उसने खास तौर पर ‘काला पोचा लहर’ के नाम से अभियान चलाया हुआ है।

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