जेएनएन, जालंधर। बेहतर पुलिसिंग और लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सभी आइजी जोनल दफ्तरों को खत्म करने का फैसला लिया है। इससे वर्कलोड के कारण कई महीनों तक जोनल दफ्तर में पेङ्क्षडग फाइलों की संख्या में कमी आएगी। नए सिस्टम में अब डीआइजी रेंज की जगह पर आइजी या डीआइजी दोनों ही लेवल के अधिकारी बैठ सकेंगे और सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेंगे।
जानकारों की मानें तो सरकार के इस फैसले से अधिकारियों के पास कई माह तक कार्रवाई के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सारा मामला सीधा सीएम की नजरों में रहेगा। नए सिस्टम का नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। अब तक पंजाब में चार जोनल दफ्तर होते थे। इनमें बॉर्डर जोन, पटियाला जोन, जालंधर जोन और बठिंडा जोन थे। इनमें बॉर्डर जोनल ऑफिस के दायरे में बॉर्डर से जुड़े अमृतसर रूरल, बटाला, गुरदासपुर, पठानकोट, तरनतारन थे।
वहीं, पटियाला जोन में पटियाला रेंज और रूपनगर रेंज आते थे। इसके अलावा जालंधर जोन में जालंधर रेंज और लुधियाना रेंज आते थे। बठिंडा जोन में बठिंडा और फिरोजपुर रेंज आते थे। रेंज दफ्तरों में डीआइजी बैठते थे। डीआइजी अपने तीन जिलों की रिपोर्ट आइजी को सौंपते थे।
आइजी अपने आधीन दो रेंज दफ्तरों के कामों की समीक्षा की रिपोर्ट बनाकर ऊपर भेजते थे। कुल छह जिलों से आई रिपोर्ट को देखने में अधिकारियों को काफी समय लग जाता था। वहीं, नई बनी प्रक्रिया में रेंज ऑफिस में आइजी और डीआइजी दोनों ही लेवल के अधिकारी बैठ सकेंगे।