लुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी डॉल्फिन के बारे में अच्छी खबर है। पंजाब के ब्यास दरिया में इनकी आबादी करीब एक दर्जन हो सकती है। यह खुलासा वल्र्ड वाइल्ड लाइफ फंड (डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ.) व पंजाब के वन्यजीव विभाग द्वारा पहली बार किए गए सांझा सर्वे में हुआ है। सर्वे में दरिया के 185 किलोमीटर भाग की जांच-पड़ताल की गई। सर्वे का आगाज तलवाड़ा के 52 हैडवक्र्स से किया गया और हरिके के मुख्य प्वाइंट पर समाप्त हुआ। दरिया के कुछ हिस्से में पानी कम होने की वजह से करीब 55 किलोमीटर का क्षेत्र सड़क मार्ग और करीब 130 किलोमीटर का क्षेत्र मोटरबोट के जरिए परखा गया।
मुंडापिंड में दिखी पहली डॉल्फिन
सर्वे टीम को पहली डॉल्फिन गांव मुंडापिंड और दूसरी डॉल्फिन गांव करमोवाला के नजदीक दिखाई दी। दोनों फीमेल डॉल्फिन के साथ उनके बच्चे भी दिखाई दिए जिससे अंदाजा लगाया गया कि ब्यास दरिया में इनके प्रजनन का दौर भी जारी है। बेशक दरिया में इनकी संख्या कम है लेकिन विशेषज्ञों की राय में हरिके पत्तन में ये 70 साल से मौजूद हैं।