पार्कों में पानी जमा होने से पनप रहे मच्छर
आधा मानसून निकलने के बाद जब शहर में हुई दो झमाझम बारिश में जलभराव हो गया तब सोमवार को हुई सदन की बैठक में अधिकारी और पार्षद जागे। दो घंटे तक चर्चा के बाद कमिश्नर बी पुरूषार्था ने पार्षदों को कहा कि वह अपने अपने ऐसे एरिया की पहचान करके बताएं, जहां पर हमेशा ही बारिश में पानी जमा होता है, ताकि कोई हल निकाला जा सके।
नगर निगम शहर की 30 हजार रोड गलियों की सफाई पर सवा करोड़ रुपये का खर्चा कर चुका है और मानसून के दस्तक देने से पहले इस पर सदन में कोई भी चर्चा नहीं की गई। मेयर आशा जसवाल ने कहा कि पार्षद ही नहीं जेई को भी पानी जमा होने वाले एरिया की पहचान करनी चाहिए।
चीफ इंजीनियर एनपी शर्मा ने सदन में कहा कि मध्य मार्ग का ड्रेनेज सिस्टम 15 मिमी, दक्षिणी मार्ग 20 मिमी और बाकी के सेक्टरों की रोड गलियों की क्षमता 25 मिमी बारिश को झेलने की है। ऐसे में जब 100 मिमी से ज्यादा बारिश होगी तो पानी निकलने में समय तो लगेगा ही। उन्होंने कहा कि आधे घंटे में जलभराव दूर हो जाता है। बारिश के आधे घंटे बाद भी पानी नहीं निकलता है तब कह सकते है कि रोड गलियां जाम है।
पार्कों में पानी जमा होने से पनप रहे मच्छर
चीफ इंजीनियर एनपी शर्मा ने बताया मध्य मार्ग की रोड गलियों की सफाई की जिम्मेवारी प्रशासन की है। कांग्रेस पार्षद दवेंद्र सिंह बबला ने कहा कि जब शहर में कई कई फुट पानी जमा होता है तो शहरवासी उनसे पूछते है कि वह टैक्स तो लगा रहे हैं लेकिन सुविधाओं में इजाफा क्यों नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान ड्रेनेज सिस्टम के डिजाइन को अपडेट करना चाहिए ताकि जलभराव की स्थिति न बने।
कमिश्नर ने कहा कि रोड गलियों की सफाई होने पर पार्षद से भी हस्ताक्षर करवाकर उनकी संतुष्टि ले ली जाएगी इस पर पूर्व मेयर अरुण सूद ने कहा कि वह हस्ताक्षर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को काम करवाकर हस्ताक्षर करने चाहिए। भाजपा पार्षद गुरप्रीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि पार्षद के साथ-साथ रेजिडेंट्स के भी हस्ताक्षर करवाए जाएं।
पार्कों में पानी जमा होने से पनप रहे मच्छर
कांग्रेस पार्षद दवेंद्र सिंह बबला का कहना है कि इस समय शहर की एक हजार पार्कों में बारिश का पानी जमा है। ऐसे में मच्छर पैदा होने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है।
सिक्योरिटी गेट्स की मंजूरी लेकर पालिसी बनाई जाएगी
बैठक में पिछले सप्ताह सेक्टर-44 में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से लगाए गए सिक्योरिटी गेट्स उखाड़ने का मामला भी उछला। इस पर अधिकतर पार्षदों ने कहा कि एरिया की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गेट्स लगने चाहिए। मामले में निर्णय लिया गया कि प्रशासन के वास्तुकार विभाग से रिहायशी इलाके में लगने वाले सिक्योरिटी गेट्स की मंजूरी ली जाए और उसके बाद इसकी पालिसी बना ली जाए। पालिसी सदन में ही फाइनल की जाएगी।