पंजाब यूनिवर्सिटी का इंटर कॉलेज हॉकी टूर्नामेंट इस बार नवनिर्मित हॉकी ग्राउंड में हुआ। फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल हॉकी की तरफ से इस टर्फ को पूरी तरह से मान्यता मिलने के बाद यह हॉकी ग्राउंड पूरी तरह तैयार है, लेकिन अभी भी इसमें कई तरह के काम पूरे होने बाकी हैं। ऐसे में बिना काम पूरे
किए ही स्पोर्ट्स विभाग ने इसमें हॉकी टूर्नामेंट करवा दिया। मैच के दौरान जब खिलाडियों ने टर्फ सूखा होने की वजह से बॉल में ज्यादा उछाल होने की बात की, तो इसमें बाल्टियों से पानी डालकर मैच करवाए गए। इस लापरवाही से किसी खिलाड़ी को चोट भी लग सकती थी।
अभी हैंडओवर नहीं किया गया ग्राउंड
पंजाब यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स डायरेक्टर डॉ. परमिंदर सिंह ने बताया कि इंटर यूनिवर्सिटी हमारे लिए बड़ा टूर्नामेंट था। ऐसे में टर्फ पूरी तरह से तैयार था, इसलिए इसमें आयोजन करवाया गया है। टर्फ में किसी तरह की कोई तकनीकी खराबी नहीं है। खिलाड़ियों को इस तरह की दिक्कत इसलिए हुई क्योंकि अभी इस ग्राउंड को हमें हैंडओवर नहीं किया गया है। फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल हॉकी से इस टर्फ को मान्यता मिल चुकी है। एफआइएच ने इस हॉकी टर्फ बेस्ट बताया है। उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक इसका सारा काम पूरा हो जाएगा।
कंप्यूटराइजड होने के बाद नहीं होगी कोई दिक्कत
पीयू के स्पोर्ट्स डॉयरेक्टर डॉ परमिंदर सिंह ने बताया कि जब इस ग्राउंड को कंप्यूटराइजड कर दिया जाएगा, तो ग्राउंड में अपने आप पानी का लेबल हो जाया करेगा। उन्होंने कहा कि इस हॉकी ग्राउंड को हर लिहाज से अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के हिसाब से बेहतर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलियन कंपनी की ओर से तैयार की गई इस टर्फ पर पॉली ग्रास सुपर कूल प्लस टर्फ को बिछाया गया है और यही टर्फ आज हर इंटरनेशनल कोर्ट पर मौजूद होती है। ऑस्ट्रेलिया की इसी टर्फ पर रियो ओलंपिक के विजेता का फैसला हुआ और इससे पहले लंदन और बीजिंग ओलंपिक के दौरान भी इसी टर्फ पर हॉकी मुकाबले खेले गए थे।
कोट-
पंजाब यूनिवर्सिटी का हॉकी ग्राउंड अभी तक पीयू स्पोर्ट्स विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया है। इस हॉकी ग्राउंड में अभी पीयू का एक्सियन विंग कंप्यूटराइजड वाटर सिस्टम इंस्टाल कर रहा है। जैसे ही यह सिस्टम इंस्टाल हो जाएगा, उसके बाद इस ग्राउंड को पीयू स्पोर्ट्स विभाग को सौंप दिया जाएगा।