शहर में दोपहिया वाहनों पर महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य होगा या नहीं, इस पर अब पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर अंतिम फैसला लेंगे। प्रशासन ने इस संंबंध में लोगों से 21 मई तक सुझाव मांगे थे।
कुल 14 लोगों ने अपने सुझाव दिए हैं, जिनमें से 7 लोग इसके फेवर में हैं, जबकि इतने ही लोग इसके खिलाफ हैं। यही कारण है कि विभाग जल्द ही मीटिंग बुलाकर अंतिम फैसले के लिए इसे प्रशासक को भेज देगा।
गौरतलब है कि गत 21 अप्रैल को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने प्रोपोस्ड किया था कि शहर में महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाएगा और इसमें सिर्फ उन सिख महिलाओं को छूट दी जाएगी, जो अपने सिर पर पटका आदि बांधती हैं।
यू.टी. ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट ने चंडीगढ़ मोटर व्हीकल्स रुल्स-1990 में संशोधन करते हुए यह ड्राफ्ट जारी किया था, जिस पर 30 दिन के अंदर लोगों के सुझाव और आपत्तियां मांगी गई थीं। बढ़ते सड़क हादसों में बिना हेलमेट महिलाओं की मौत अधिक हो रही है।
इसी को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने ये ड्राफ्ट तैयार किया था। शिरोमणि अकाली दल चंडीगढ़ के प्रधान हरदीप सिंह बुटरेला ने अपने सुझाव में कहा कि सिख महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य करना पूरी तरह से सिख धर्म के खिलाफ है।
चंडीगढ़ मोटर व्हीकल्स रुल्स में संशोधन सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा, इसलिए ऐसा कभी नहीं होने देंगे। हरदीप ने कहा कि उन्होंने प्रशासन के इस ड्राफ्ट पर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है।