लीज प्रॉपर्टी ने खड़ी की मुश्किलें
केंद्र ने चंडीगढ़ प्रशासन को 14 अगस्त से पहले सभी प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करने के आदेश दिए हैं ताकि बेनामी प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जा सके। जारी आदेश के मुताबिक वर्ष 1950 के बाद की सभी जमीनों व प्रॉपटी रिकार्ड का डिजिटलाइजेशन और आधार से लिंक करने को कहा गया है। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो आधार से प्रापर्टी लिंक करने का काम तेजी से किया जा रहा है। बेनामी प्रॉपर्टी को रिकार्ड भी जुटाया जा रहा है।
एस्टेट आफिस ने शहर के साथ लगते गांवों के किसानों की जमीन भी आधार से लिंक करनी शुरू कर दी है। जरूरी दस्तावेज जांच करने के बाद प्रत्येक किसान की प्रॉपर्टी को आधार से लिंक किया जा रहा है। गांवों में जिन किसानों की मौत हो गई है या भूमि उनके वारिसों के नाम स्थानांतरित हो गई है। ऐसे रिकार्ड को भी जल्द ही आधार नंबर से जोड़ा जाएगा। इसके लिए डोर टु डोर सर्वे कर प्रॉपर्टी रिकॉर्ड जुटाया जाएगा। इसके लिए डीसी ने सभी एसडीएम को अपने-अपने एरिया में रिकार्ड जुटाने के लिए कहा है।
लीज प्रॉपर्टी ने खड़ी की मुश्किलें
चंडीगढ़ प्रापर्टी कंसल्टेंट फर्म के मालिक रमन यादव ने कहा कि शहर में इस समय हजारों प्रापर्टी लीज पर है। ऐसे में जो जमीनें लीज पर है, उन्हें आधार से लिंक करना मुश्किल होगा। क्योंकि प्रशासन की ओर से इन प्रॉपर्टी का अब तक लोगों को मालिकाना हक नहीं दिया गया। लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने के लिए प्रशासन को कई बार गुजारिश की जा चुकी है। इसके बावजूद लीज होल्ड टू फ्री होल्ड प्रापर्टी का मुद्दा एमएचए में विचारधीन है।