यौन शोषण के दो मामलों में दोषी करार दिए जा चुके पंजाब यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रो. कोमल सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। लंबी बहस के बाद सजा सुनाई गई। साथ ही उसे कारण बताओ नोटिस देकर पूछा जाएगा कि क्यों उसे नौकरी से ना निकाला जाए?
हालांकि पंजाब यूनिवर्सिटी कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हरासमेंट (पीयू कैश) ने कोमल सिंह को दोषी करार देने के बाद सख्त सजा की सिफारिश की थी। जिसमें नौकरी से निकालना, लेकिन दोबारा नौकरी के लिए आवेदन करने पर रोक न होने का प्रावधान था।
रविवार को सीनेट में लंबी बहस और कई दलीलों के बाद सस्पेंशन और शो कॉज नोटिस की सजा दी गई। कोमल सिंह दो बार दोषी करार दिया जा चुका है। एक बार छात्रा को अभद्र तरीके से संबोधित किया और अश्लील शब्दों का इस्तेमाल किया।
एक अन्य मामले में एक छात्रा को बालों से खींचा। इनसे पहले एक अन्य प्रताड़ना की एक अन्य शिकायत थी, जिसे शिकायतकर्ता ने वापस ले लिया था। फिलहाल एक शिकायत पर अभी पीयू कैश में सुनवाई चल रही है। इसमें आरोप हैं कि शराब के नशे में क्लास में आकर छात्रा को छेड़ा।
सजा से पहले कुछ ऐसी दलीलें दी गईं
– एक सीनेटर डॉ. अजय रंगा ने कोमल सिंह को बचाने की गुहार लगाते हुए कहा कि उसके परिवार के बारे में भी सोचा जाए। अगर नौकरी चली गई तो परिवार का क्या होगा? क्योंकि कोमल सिंह शराब का आदी है और मानसिक तौर पर परेशान है। उसे इलाज कराने का मौका दिया जाना चाहिए।
– एक महिला सीनेटर ने कहा कि जिसकी पत्नी 2010 में ही उसकी हरकतों की वजह से उसे छोड़ चुकी है, उसके लिए परिवार क्या है?
– सीनेटर रोनकी राम ने कहा कि कोमल सिंह शराब के नशे में अपने मां-बाप, पत्नी को मारता था। छोटे बच्चे को बालकोनी से लटका देता था। लगातार उसके खिलाफ शारीरिक शोषण के केस आ रहे हैं। उसे सुधरने के कई मौके दिए जा चुके हैं। अब क्या बाकी रह गया है?
– सीनेटर चमन लाल की तरफ से कहा गया कि कोमल सिंह को लंबी छुट्टी भेजने के साथ उसका पीजीआई में इलाज कराया जाना चाहिए। वहां से ठीक होने केबाद प्रमाण पत्र केआधार पर नौकरी पर वापस बुलाया जाए।
कई दलीलों और सीनेट में मौजूद कानून के ज्ञाताओं के सुझाव के बाद तय हुआ कि कोमल सिंह को सस्पेंड करके नौकरी से निकालने का नोटिस देना चाहिए। इसके बाद पूरे सीनेट की सहमति के बाद वीसी प्रो. अरुण कुमार ग्रोवर ने आदेश सुनाया। वीसी ने आदेश सुनाने से पहले सभी दलीलों पर जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि पहले केस के बाद कोमल सिंह को समझाया गया। फिर इलाज कराने को कहा गया। उसका विभाग भी बदला गया, लेकिन वह नहीं माना। सीएमओ से झूठा प्रमाण पत्र ले आया कि वह नौकरी के लिए फिट है। वीसी ने कहा कि उसे सुधारने का हर प्रयास किया जा चुका है।