सुखना लेक के गिरते जलस्तर के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिए हैं कि एक माह में सुखना लेक के रास्ते का काम पूरा किया जाए। अभी तक कुल 2300 मीटर में से 1500 मीटर का काम ही पूरा हुआ है। हाईकोर्ट ने कहा कि शहरवासी इस मुद्दे पर ङ्क्षचतित नहीं हैं जितना कि उन्हें होना चाहिए।
मामले में प्रशासन ने प्रोजैक्ट पी.एच. सॢकल के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर का लेटर पेश किया है। सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के निर्माण के संबंध में दिए लेटर में कहा गया है कि प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया है ताकि प्रस्तावित प्लांट से पानी का कितना तेज प्रवाह करना है उसके लिए पैरामीटर्स को अंतिम रूप दिया जा सके। कमेटी चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में बनाई गई है जिसके 4 अन्य मैंबर्स भी हैं। कमेटी की 2 मीटिंग हो चुकी हैं।
पैरामीटर्स को अंतिम रूप देने के बाद टैंडर्स बुुलाए गए थे। हाईकोर्ट के नवम्बर, 2017 के आदेशों को आधार बनाते हुए कहा कि अथॉरिटी ने यह पाया कि मामले से जुड़े पंजाब व हरियाणा व चंडीगढ़ के टैक्नीकल हैड्स की कमेटी गठित हो जो जिन पैरामीटर्स को लेकर निर्णय लिया गया है उनका दोबारा \निरीक्षण हो सके।
आगे कहा गया है कि किशनगढ़ में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के लिए टैंडर मंगवाए गए हैं और 17 मई, 2018 को खुलेंगे। सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के डिजाइन/ इंस्टालेशन/ टैसिं्टग/कमीशङ्क्षनग व इसके ट्रायल में 9 महीने का वक्त लगेगा। हालांकि यह पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के टैक्रिकल हैड्स की कमेटी की जांच पर निर्भर रहेगा। हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी को कहा कि इस बीच लेक को सुखने से बचाने के लिए लघु काल और दीर्घ काल उपाय के सुझाव पेश करें।