सुनवाई के दौरान जब डेरा प्रमुख की ओर से कोर्ट में दलील

सुनवाई के दौरान जब डेरा प्रमुख की ओर से कोर्ट में दलील

सीबीआई कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद डेरा प्रमुख के साथ हेलीकॉप्टर में गई हनीप्रीत के मामले में डीजीपी बीएस संधू और पंचकूला के सीपी एएस चावला उलझ गए। सीपी ने कहा कि हनीप्रीत (डेराप्रमुख की गोद ली गई बेटी) को कोर्ट के आदेशों पर डेरा प्रमुख के साथ भेजा गया, लेकिन डीजीपी ने कहा कि कोर्ट ने में डेरा प्रमुख के वकील की तरफ से दलील दी गई थी कि हनीप्रीत डेरा प्रमुख की फिजिशियन के तौर पर साथ जाना चाहती हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि जेल मैनुअल के तहत जो मापदंड हैं, वह अपनाए जाएं। डीजीपी ने कहा कि जब साफ हो गया कि हनीप्रीत को बाबा के साथ नहीं भेजा जा सकता तो उसे अंदर नहीं जाने दिया गया। वहीं जब पूछा गया कि पंचकूला से तो हनीप्रीत डेरा प्रमुख के साथ कैसे गई तो डीजीपी ने कोई जवाब नहीं दिया। जबकि सीपी का कहना था कि कोर्ट के आदेश पर भेजा गया।

सुनवाई के दौरान जब डेरा प्रमुख की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि हनीप्रीत को उसके साथ भेजा जाए, तो सीबीआई की तरफ से इसका विरोध किया गया था। सीबीआई ने दलील दी थी कि यह राज्यों की जिम्मेदारी है। वहीं सूत्रों के मुताबिक हनीप्रीत को साथ भेजने में जिस अधिकारी ने भूमिका निभाई है, उसे बचाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। क्योंकि किसी दोषी के साथ इस तरह से किसी को भेजना नियमों के खिलाफ है।

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