हाईकोर्ट में बढ़ते काम के दबाव के कारण भी जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाई
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में लंबे इंतजार के बाद अब जजों की नियुक्ति का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है। बुधवार को दो नए जजों के शपथ लेने के बाद अब केंद्र सरकार ने 6 वकीलों को जज केतौर पर एलिवेट करने को मंजूरी दे दी है। सीनियर एडवोकेट अनिल खेेत्रपाल, अरविंद सिंह सांगवान, राजबीर सेहरावत, महाबीर सिंह सिंधु, सुधीर मित्तल और अवनीश झिंगन का नाम अब मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया गया है।
हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने गत वर्ष जून माह में 7 वकीलों के नामों को भी जज के तौर पर नियुक्त किए जाने की शिफारिश भेजी थी। इनमें सीनियर एडवोकेट अनिल खेेत्रपाल, अरविंद सिंह सांगवान, राजबीर सेहरावत, महाबीर सिंह सिंधु, सुधीर मित्तल, अवनीश झिंगन और हरनरेश सिंह गिल के नाम शामिल थे। इन नामों पर लंबे समय बाद अब निर्णय हुआ है और 7 में से 6 के नाम को मंजूरी केंद्र सरकार ने दे दी है।
हाईकोर्ट में बढ़ते काम के दबाव के कारण भी जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। वर्तमान में हाईकोर्ट में जजों की संख्या का आंकड़ा 48 हो गया है, हालांकि अगले माह जुलाई में तीन जज रिटायर हो रहे हैं, जिसके चलते यह संख्या 45 रह जाएगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट में लंबे समय के बाद जजों की संख्या का आंकड़ा 50 को पार कर जाएगा, जबकि हाईकोर्ट में जज के 85 मंजूर पद हैं।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इन जजों को दिलाई जाएगी शपथ
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्टPC: File Photo
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इन सभी 6 जजों की औपचारिक शपथ ग्रहण समारोह के साथ एलिवेशन होगी। हालांकि, अभी यह देखना होगा कि जो फाइल भेजी गई है, उसे वर्तमान में कार्यरत राष्ट्रपति मंजूरी देते हैं या फिर चुनाव के बाद चुनकर आने वाले नए राष्ट्रपति। यदि यह नए राष्ट्रपति की नियुक्ति पर गया तो 17 जुलाई को चुनाव और 20 को मतगणना होगी। इसके पांच दिन बाद राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होगा। ऐसे में फाइल अगस्त तक लटक जाएगी।
काबिलेगौर है कि जालंधर के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज राज शेखर अत्री और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल गुरविंदर सिंह गिल को बुधवार को हाईकोर्ट की शपथ दिलाई गई। इसके बाद से ही जुलाई में रिटायर होने वाले जजों की चर्चा आरंभ हो गई थी। 6 जुलाई को जहां जस्टिस जसवंत सिंह रिटायर होने जा रहे हैं, वहीं 20 जुलाई को जस्टिस स्नेह पराशर और 21 जुलाई को जस्टिस एम जियापॉल की रिटायरमेंट है।
बढ़ते ज्युडीशियल वर्क के बावजूद हाईकोर्ट में लंबा अरसा बीत गया, जब जजों की संख्या का आंकड़ा 50 को पार किया हो। अक्सर हालात ऐसे हो जाते हैं कि कार्यरत जजों के पास केस की सूची इतनी लंबी हो जाती है कि पूरा दिन लगाने पर भी सभी केसों की सुनवाई संभव नहीं हो पाती है। हाईकोर्ट में 2 लाख 85 हजार के करीब मामले लंबित पड़े हैं।