हेडक्वार्टर में माहौल गर्म, रूम में बैठे रहे अधिकारी
हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला द्वारा आईएएस की बेटी से छेड़छाड़ मामले में पुलिस चौथे दिन भी चुप्पी साधे रही। ना पुलिस कानूनी राय ले पाई और ना ही प्रेस कांफ्रेंस कर सकी। रोजाना प्रेस कांफ्रेंस का दावा करने वाले पुलिस अधिकारी दिनभर मीडिया के सवालों से मुंह छिपाते रहे। इस प्रकरण में संपूर्ण देश में जमकर हुई किरकिरी के बाद स्मार्ट पुलिस फिसड्डी साबित हुई है।
शुक्रवार देर रात आईएएस की बेटी के साथ वारदात के बाद पुलिस ने जल्द कानूनी राय लेकर किडनैपिंग की धारा पर निर्णय लेने का बयान दिया था। वारदात के चौथे दिन देर रात तक पुलिस अधिकारी कानूनी राय की रिपोर्ट नहीं आने का राग अलापते रहे।
प्रेस कांफ्रेंस की जगह मुंह छिपाती रही पुलिस
सोमवार शाम को एसएसपी ने दावा किया था कि रोजाना शाम को चार बजे मामले में होने वाले अपडेट मीडिया को देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। लेकिन मंगलवार को मीडियाकर्मियों को मैसेज भेजकर जानकारी दी गई कि पीसी नहीं होगी। इससे यह साफ है कि चंडीगढ़ पुलिस के पास मीडिया के सुलगते सवालों के जवाब नहीं हैं।
हेडक्वार्टर में माहौल गर्म, रूम में बैठे रहे अधिकारी
हेडक्वार्टर में माहौल गर्म, रूम में बैठे रहे अधिकारी
मंगलवार सुबह 10.30 बजे से पुलिस हेडक्वार्टर में वारदात व पुलिस की किरकिरी पर चर्चाएं गर्म रहीं। सभी अधिकारी अपने समय से आकर अपने सरकारी रूम में बैठे रहे। प्रशासक द्वारा लिए मीटिंग में दोपहर डीजीपी तेजिंदर लूथरा पहुंचे थे।
गलतियां ना हों उजागर, थाने में बैन की मीडिया एंट्री
मामले में हर तरफ से घिरी यूटी पुलिस पब्लिक व प्रशासनिक अधिकारियों से अपनी छोटी-बड़ी गलतियां छिपाने में लगी रही। सोमवार की सुबह संबंधित सेक्टर-26 थाने में मीडिया की एंट्री पर बैन कर दी। थाने के मुख्य गेट पर तीन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी। सुबह करीब 11.30 बजे तीन मीडियाकर्मी थाना प्रभारी जसपाल भुल्लर, डीएसपी सतीश कुमार से मिलने पहुंचे। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उनका रास्ता रोक लिया। मीडियाकर्मियों द्वारा पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें ऊपर से आदेश जारी है। मामला तूल पकड़ता देखकर डीएसपी के हस्तक्षेप के बाद शांत हुआ।