ऑटो में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब ट्रैफिक पुलिस ने ऑटो चालकों को अपने आटो के भीतर पुलिस विभाग द्वारा उन्हें जारी किया गया पुलिस वैरीफिकेशन सर्टीफिकेट लगाना जरूरी कर दिया है।
पुलिस द्वारा जारी किए जाने वाले इस वैरीफिकेशन सर्टीफिकेट में ऑटो मालिक और चालक का फोटो सहित पूरा विवरण है। सवारी अपने मोबाइल से इसकी फोटो खींच सकती है। ऑटो चालक द्वारा उसके साथ की जाने वाली किसी भी तरह की वारदात को लेकर वह इस फोटो का प्रयोग ऑटो चालक की पहचान करने में कर सकता है। शहर में ऑटो चालकों द्वारा किए गए गैंगरेप और अन्य आपराधिक वारदातों के बाद पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया है।
ऐसा है वैरीफिकेशन सर्टीफिकेट :
चंडीगढ़ पुलिस द्वारा ऑटो चालकों के लिए जारी वैरीफिकेशन सर्टीफिकेट को ऑटो में सवारी के सामने की तरफ लगाए जाना जरूरी किया है ताकि सवारी इसे आसानी से देख सके। साथ ही उसे यह पता चल सकेगा कि जिस ऑटो में वह सवारी कर रहा है, उसके चालक ने अपनी पुलिस वैरीफिकेशन करवा रखी है।
पुलिस विभाग द्वारा ऑटो, उसके मालिक और चालक के बारे में सभी तरह की जरूरी जानकारी लेने के बाद उसे जो सर्टीफिकेट जारी किया जाता है, उसमें ऑटो के मालिक और उसके चालक का बाकायदा फोटो सहित पूरा विवरण दिया गया है। फोटो, पता और मोबाइल नम्बर के साथ अन्य जरूरी जानकारी होती है।
गैंगरेप के आरोपियों की पहचान में आई थी परेशानी :
शहर में वर्ष 2016 और 2017 में ऑटो चालक और उसके साथियों द्वारा ऑटो में युवतियों से गैंगरेप के 2 विभिन्न मामले सामने आए थे। हालांकि पुलिस इन दोनों गैंगरेप मामलों में आरोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी कर चुकी है लेकिन दोनों की मामलों में वारदातों की शिकार हुई पीड़िताओं को ऑटो चालक और उसके साथियों की पहचान करने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा था। पुलिस ने पिछले साल किए गए गैंगरेप मामले में पीड़िता के बयानों और एक पैट्रोल पंप में लगे सी.सी.वी.टी. कैमरे की फुटेज के आधार पर आरोपियों के ऑटो और उनकी पहचान कर उन्हें काबू किया था।