अब खुलेगा राम रहीम की ‘गुफा’ का राज, क्या-क्या है अंदर,
आम जनता से लेकर सुरक्षा बलों तक सभी ये जानने की उत्सुकता सबसे ज्यादा है कि डेरा सच्चा प्रमुख की गुफा अंदर से कैसी है? डेरा सच्चा सौदा के सिरसा मुख्यालय की जांच अब रिटायर्ड सेशन जज एकेएस पवार की निगरानी में की जाएगी। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश जारी करते हुए उन्हें हर वह सुविधा उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं जिसकी जांच में आवश्यकता हो। पवार को जांच पूरी करने के बाद सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में तथा सरकार को देनी होगी। बेंच ने सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए रिटायर्ड सेशन जज एकेएस पवार को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अब उनकी निगरानी में डेरे की संपत्ति सहित अन्य सभी स्थानों जांच हो। उनकी निगरानी के दौरान जांच में किसी भी प्रकार की बाधा न हो, इसके लिए पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा बलों सहित अन्य सभी विभागों का पूरा सहयोग दिया जाए। अभी तक राम रहीम की गुफा के बारे में काल्पनिक बातें ही हो रही हैं। इसका मेन कारण यह है कि डेरा प्रमुख की चार एकड़ में फैली गुफा में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं थी। डेरा प्रमुख के बेहद करीबी साधु और साध्वियों के अलावा कोई ऐसा नहीं जो गुफा में जा सकता हो। बताया जाता है कि गुफा दो भाग हैं। पहला भाग ऐसा है जहां डेरा प्रमुख मंत्रियों से मिला करते थे। डेरा प्रबंधन की डेरा प्रमुख के साथ बैठकें इस भाग में होती थी। गुफा का दूसरा भाग बेहद गोपनीय और आलीशान है, यहां डेरा प्रमुख की अनुमति के बिना परिंदा तक भी नहीं फटक सकता। इसलिए लोगों में गुफा के राज को जानने की उत्सुकता बनी हुई है। गुफा के अंदर पुरुष साधुओं को आने की अनुमति नहीं थी। गुफा की देखरेख साध्वियां ही करती हैं। इस गुफा में डेरा प्रमुख महाराजाओं की भांति जीवन जीता था। जो काम राजा अपनी दासियों से लेते थे वहीं काम साध्वियां करती थीं। यौन शोषण की शिकार हुई पूर्व साध्वियां अपने बयान में ये बात कह चुकी है कि जिस जो डेरा प्रमुख को जो साध्वी पसंद आती थी, उसे वो अपने बैड रूम में बुला लिया करता। अधिकांश साध्वियां डेरा प्रमुख को अपना तन मन समर्पित कर देती थी। जो साध्वियां आनकानी करती उन्हें इसकी सजा दी जाती।