नेक्सट स्टॉपेज… एयरपोर्ट चौक। जी हां, चंडीगढ़ की बसों में अब मेट्रो जैसी फिलिंग मिल रही है। इससे लोगों का सफर भी सुविधाजनक हो जाएगा। यह सुविधा लोगों की जरूरत को देखकर शुरू की गई है। कई बार यात्री फोन पर व्यस्त होने या झपकी लग जाने से यात्री अपने गंतव्य स्थान से आगे निकल जाता था, लेकिन यह व्यवस्था उसकी इस समस्या का समाधान कर देगी।
मेट्रो जैसी फीलिंग आती है
रोजाना जीरकपुर से 17 बस स्टैंड तक सफर करने वाले पवन अरोड़ा का कहना है कि इस फीचर से अब सीटीयू की बस में चढ़ते ही मेट्रो जैसी फीलिंग आने लगती है। अब यह ध्यान नहीं रखना पड़ता कि कहीं स्टापेज निकल न जाए क्योंकि एनाउंसमेंट से पता चल जाता है कि अब कौन सा स्टॉपेज आने वाला है।
इस सुविधा से राहत ज्यादा
कंडक्टर विनोद का कहना है कि टिकट काटने के अलावा उन्हें बार-बार यह भी ध्यान रखना पड़ता था कि स्टापेज कौन सा है। कहीं कोई यात्री उतरने से रह न जाए। अब इस सुविधा से उन्हें भी काफी आराम मिलेगा। कई बार यात्री फोन पर व्यस्त होने, झपकी लग जाने से या कंडक्टर की आवाज धीमी होने से स्टापेज से आगे निकल जाता था यह सुविधा उसके लिए अच्छी साबित होगी।
विजुअल और वायस एनाउंसमेंट सुविधा जनवरी तक कंपलीट
पहले 7 रूट पर विजुअल और वायस एनाउंसमेंट शुरू की गई थी और अब बढ़ाकर 14 रूट पर कर दी गई है। पहले ये 7 रूट शामिल किए गए – 30 बी, 2 एफ, 79, 23, 3, 211, 203 पर यह सुविधा शुरू की गई थी और अब 7 रूट और शामिल किए गए हैं – 30, 214, 254, 18 के अलावा नाइट रूट की 37, 24 ए और 24 सी। ट्राईसिटी में करीब 400 बसें हैं, जनवरी 2018 तक सभी बसों में यह सर्विस शुरू हो जाएगी। चंडीगढ़ एजुकेटिड सिटी है, यहां इस सर्विस की बहुत जरूरत महसूस हो रही थी। लेट लांग की यह एक्सरसाइज बहुत बड़ी रही, यह इनहाउस ही की गई, इसका कांट्रेक्ट जुलाई में शुरू हो गया था।
– यशजीत गुप्ता, जनरल मैनेजर, सिटी बस सर्र्विस, सीटीयू
कैसे आया विचार
पिछले सप्ताह गवर्नर वीपी सिंह बदनौर ने सीटीयू की टिक-टिक कैब सेवा की शुरुआत की थी। यह पहले 7 रूट पर शुरू की गई थी और अब बढ़ाकर 14 रूट पर कर दी गई है। इन्हीं 14 रूटों पर विजुअल और वायस एनाउंसमेंट शुरू हुई है। जल्द ही इसे बाकी रूटों पर भी शुरू किया जा रहा है। इस सर्विस में कम्प्यूटर में यह जानकारी फीड कर दी जाती है जिससे यात्री यह जान सकता है कि उसे अपने गंतव्य तक पहुंचने में कितना समय लगेगा, बस कब पहुंचेगी ताकि उसके समय की बचत हो सके।
– अमित तलवार, डायरेक्टर सीटीयू