जेएनएन, चंडीगढ़। विदेशों की तर्ज पर अब भारत में 11 बीमा कंपनियों ने बांझपन और हादसे में हुए गर्भपात को कवर करने वाली 17 पॉलिसी बाजार में उतारी हैं। इन पॉलिसी में से 6 पॉलिसी व्यक्तिगत और 11 पॉलिसी गु्रप इंश्योरेंस के अधीन हैं। मोनिका डी. मेहताब की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आइआरडीए के जनरल मैनेजर डीवीएस रमेश ने हलफनामे के माध्यम से यह जानकारी दी है।
मामले में याचिका दाखिल करते हुए मोनिका डी. मेहताब ने कहा था कि अमेरिका, ब्रिटेन व अन्य देशों में बांझपन या हादसे से हुआ गर्भपात बीमा कवर में आता है। याची ने कहा कि जब विदेशों में ऐसा होता है तो भारत में भी इसके लिए प्रावधान होना चाहिए। इससे पूर्व याची ने कहा था कि आइआरडीए इंश्योरेंस की रेगुलेटरी अथॉरिटी है। केंद्र सरकार ने कहा था कि यदि आइआरडीए ऐसा रेगुलेशन तैयार करे तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हाईकोर्ट ने इस पर आइआरडीए से जवाब मांगा था।
आइआरडीए की ओर से सोमवार को हलफनामा देते हुए बताया गया कि देश की 11 बीमा कंपनियों ने अपने 17 प्लान में बांझपन और दुर्घटना में हुए गर्भपात को शामिल किया है। साथ ही आइआरडीए ने अपनी विवशता बताते हुए कहा कि उनका काम ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है। बीमा पॉलिसी बनाना उनका काम नहीं है और न ही किसी पॉलिसी को कैसे तैयार किया जाए यह वे कंपनी पर थोप सकते हैं। हाईकोर्ट ने हलफनामे को रिकार्ड पर लेकर बहस के लिए 13 नवंबर की तिथि निर्धारित की है।
इन कंपनियों ने उतारे प्लान
1. नेशनल इंश्योरेंस दो व्यक्तिगत पॉलिसी
2. स्टार हेल्थ इंश्योरेंस तीन व्यक्तिगत पॉलिसी
3. आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस एक ग्रुप पॉलिसी
4. न्यू इंडिया इश्योरेंस कंपनी लि. एक व्यक्तिगत, 2 ग्रुप
5. सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लि. एक ग्रुप
6. कोटेक महेंद्रा्र जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. एक ग्रुप
7. आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. दो ग्रुप पॉलिसी
8. लिबर्टी वीडियोकॉन जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड एक ग्रुप पॉलिसी
9. फ्यूचर जनराली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लि. एक ग्रुप पॉलिसी
10. यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. एक ग्रुप पॉलिसी
11. एचडीएफसी इआरजीओ जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. एक ग्रुप पॉलिसी