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आइपीएल में अब इन ‘खास तरह’ के विज्ञापनों पर उठे सवाल, क्या बैन करेगी BCCI?

लगातार विवादों में रहने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) एक नए विवाद में फंसती नजर आ रही है। केरल के एक्साइज कमिश्नर ऋषि राज सिंह ने बीसीसीआइ से आइपीएल मैचों के दौरान स्टेडियम के अंदर लगे तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों पर चिंता जताई है। कमिश्नर ने इन विज्ञापनों को स्टेडियम से हटाने के लिए कहा है।

ऋषि ने बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को भेजे ईमेल में लिखा है कि मैं यह देखकर चौंक गया हूं कि आइपीएल मैचों के दौरान स्टेडियम में तंबाकू उत्पादकों के विभिन्न ब्रांडों के विज्ञापन लगे हैं जो मैचों के प्रसारण के समय टेलीविजन पर दिखाई देते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि आपको पता होना चाहिए कि चबाने वाली चीजें जिनसे कैंसर होता है, उनको भारत सरकार ने सीओटीपीए (सिगरेट व अन्य पदार्थ कानून) के अंतर्गत प्रतिबंधित कर रखा है। जर्दा, गुटखा और खैनी से मुंह का कैंसर होने की आशंका होती है।

भारतीय सरकार के आंकड़ों में देश में 29 प्रतिशत लोगों को इनसे मुंह का कैंसर हुआ है। ऐसे में आइपीएल मैचों में इन विज्ञापनों को देखकर लोगों में इन पदार्थो को खाने की आशंका ज्यादा बढ़ सकती है। ऐसे में आपको यह विज्ञापन आइपीएल में नहीं दिखाए जाने चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो इस बारे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त क्रिकेट प्रशासक समिति (सीओए) या अन्य संबंधित जगह पर इस मुद्दे को रखना होगा।

ऋषि राज की ईमेल के बाद अमिताभ ने बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी, सीईओ राहुल जौहरी, आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला और आइपीएल के सीओओ हेमंग अमीन को यह ईमेल फॉरवर्ड करते हुए लिखा कि इसमें पहले से ही सारी बातें लिखी हुईं हैं। उन्होंने जौहरी और हेमंग को इसके बारे में सोचकर शीघ्र बताने को कहा। इसके बाद हेमंग ने कहा कि इनमें से कोई भी आइपीएल का विज्ञापनदाता नहीं है। अगर किसी फ्रेंचाइजी का किसी के साथ करार हुआ है तो उस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते।

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