गुरुवार को फिल्मेकर बोनी कपूर ने हरिद्वार में पत्नी श्रीदेवी की अस्थियां विसर्जित की। गौरतलब है कि इससे कुछ दिन पहले ही उन्होंने रामेश्वरम में भी एक्ट्रेस की अस्थियों को प्रवाहित किया था। कई लोगों ने सवाल भी उठाए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।
दरअसल, हरिद्वार और रामेश्वरम में दो जगहों पर श्रीदेवी की अस्थियां विसर्जित करने के पीछे तीन बड़ी वजहें हैं…
1. धार्मिक मान्यता
-हिन्दू मान्यता के अनुसार मृतक की आत्मा की शांति के लिए अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को काशी या रामेश्वरम में विसर्जित किया जाता है। श्रीदेवी तमिल ब्राह्मण थीं। उनका जन्म तमिलनाडु के शिवकाशी में हुआ था। इसलिए तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम में उनका परिवार पहुंचा।
-कहा जाता है कि रामेश्वरम (अग्नि तीर्थम) में अस्थियों को विसर्जित करने से मृत व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष मिलता है। इसका जिक्र रामायण में भी है जब लंका से लौटते वक्त श्रीराम के कहने पर सीता ने पहली बार रामेश्वरम में अग्नि परीक्षा दी थी। तब अग्नि देव ने अपने इस पाप से मुक्ति पाने के लिए इसी जगह पर स्नान किया था। तब भगवान शिव ने वरदान दिया था कि यहां स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होंगे और अस्थियां विसर्जित होने से आत्मा को मुक्ति मिलेगी।
2.हरिद्वार जाने की थी ख्वाहिश
साल वर्ष 1993 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान श्रीदेवी कुछ देर के लिए हरिद्वार में रुकी थीं। शूटिंग के दौरान यहां से गुजरते हुए श्रीदेवी ने फिल्म यूनिट के साथ हरिद्वार में रुकने की जिद की थी। तब श्रीदेवी ने मां गंगा का आशीर्वाद लेकर दोबारा हरिद्वार आने की इच्छा जताई थी, लेकिन फिर वो कभी हरिद्वार नहीं आ पाईं। हिंदू धर्म में अस्थियों के एक हिस्से को आत्मा की शांति के लिए किसी अन्य स्थान पर भी विसर्जित किया जा सकता है। श्रीदेवी की इच्छा पूरी करने के लिए बोनी और अनिल कपूर हरिद्वार में शांति पाठ कराने पहुंचे
खानदानी परंपरा
कपूर खानदान के तीर्थ पुरोहित हरिद्वार में हैं। माना जाता है कि मरने के बाद अस्थि विसर्जन और श्राद्ध के लिए तीर्थ पर आना पड़ता है। श्रीदेवी से पहले हरिद्वार में कपूर खानदान के कई सदस्यों की अस्थियां विसर्जित हो चुकी हैं। तीर्थ पुरोहित शिवकुमार के मुताबिक बोनी कपूर 1988 में अपने दादा लालचंद और 2011 में अपने पिता सुरेंद्र कपूर और पहली पत्नी मोना की अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर चुके हैं।
24 फरवरी को दुबई के होटल में बाथ टब में डूबने से श्रीदेवी की मौत हो गई थी। 28 फरवरी को मुंबई में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद 4 मार्च को बोनी कपूर ने बेटी जाह्नवी और खुशी कपूर के साथ मिलकर रामेश्वरम में उनकी अस्थियों का एक हिस्सा प्रवाहित किया। वहीं 8 मार्च को बोनी कपूर अपने भाई अनिल कपूर और फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के साथ हरिद्वार पहुंचे और श्रीदेवी की अस्थियां विसर्जित करने के बाद शांति पाठ की।