आज बैंक जाने की सोच रहे हैं तो पढ़िए ये खबर, वरना पछताएंगे
आम आदमी के लिए मंगलवार का दिन परेेशानी से भरा हो सकता है। इसकी वजह है चंडीगढ़ के बैंकों की हड़ताल। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन आल इंडिया के आह्वान पर चंडीगढ़ की नौ बैंक कर्मचारी यूनियनों के दस हजार प्रतिनिधि स्ट्राइक पर रहेंगे। कर्मचारी बैंक स्क्वेयर सेक्टर-17 में इकट्ठा होंगे और बैंक प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करेंगे।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन आल इंडिया के कन्वीनर संजीव बंदलिश ने कहा कि बैंक कर्मचारियों की यह हड़ताल निजीकरण के खिलाफ है। इस प्रकार से निजीकरण करने का सीधा प्रभाव कर्मचारियों और सरकारी तंत्र पर पड़ता है।
बैंकों द्वारा कारपोरेट हाउस के एनपीए खारिज किए जाने का भी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। यह एनपीए 86 फीसदी कारपोरेट हाउसों के हैं। इन एनपीए को खारिज करने का कोई मतलब नहीं बनता। यदि कोई डिफाल्टर है तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
नहीं मानी मांग तो जबरदस्त विरोध
PC: Demo Pic
उन्होंने कहा कि बैंकों में आम जनता का पैसा है और वह ऐसे डिफाल्टरों के खिलाफ एक्शन न लेने से खराब होता है। ऐसे डिफाल्टरों के नाम भी उजागर किए जाने चाहिए। पार्लियामेंटरी कमेटी की रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि इनके नाम प्रकाशित न किए जाएं।
इस मौके पर आल इंडिया बैंक आफिसर्स कंफेडरेशन के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी दीपक शर्मा ने बताया कि पिछले तीन वर्ष से सरकार बोर्ड आफ डायरेक्टर में बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के प्रावधान के तहत एक आफिसर एसोसिएशन के प्रतिनिधि और एक अवार्ड स्टाफ को शामिल नहीं कर रही है। इसको दुरुस्त किया जाना चाहिए।
नहीं मानी मांग तो जबरदस्त विरोध
चंडीगढ़ में संजीव बंदलिश ने बताया कि यदि कर्मचारियों की मांगें नहीं मानी गईं तो यूनियनों द्वारा 15 सितंबर को जंतर-मंतर पर धरना दिया जाएगा और पार्लियामेंट मार्च किया जाएगा। साथ ही नवंबर में भी दो दिन की हड़ताल होगी। फिर भी मांगें नहीं मानी गईं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।