आज से ही पीयू के हॉस्टलों में गर्ल्स की एंट्री रात 11.00 तक

पंजाब यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में अब लड़कियों की एंट्री रात 11:00 बजे तक होगी और अनअवायडेबल सिचुएशन में 12:00 बजे तक…

पंजाब यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में अब लड़कियों की एंट्री रात 11:00 बजे तक होगी और अनअवायडेबल सिचुएशन में 12:00 बजे तक उनको बिना किसी जुर्माने के प्रवेश दिया जाएगा। पहले एंट्री का समय रात 10:00 बजे तक था। स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (सोई) की मांग पर पीयू ने इस मांग पर सहमति तो दे दी थी लेकिन इसकी नोटिफिकेशन जारी नहीं की थी। डीन स्टूडेंट वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) प्रो. इमैनुअल नाहर ने इस बारे में मंगलवार को सभी वार्डनों को नोटिफिकेशन जारी कर दी है। इसके साथ ही एसएफएस और पीएसयू की अन्य कई मांगें भी स्वीकार कर ली गई हैं। इसके बाद उन्होंने अपना धरना वापस ले लिया है। यह सारे डिसीजन 10 अप्रैल से ही लागू होंगे।

फंड का भी होगा ऑडिट: पीयू सीएससी के फंड का अब ऑडिट कराया जाएगा। पहले इस फंड की ऑडिटिंग नहीं होती थी। डिग्री के आखिरी साल में स्टूडेंट को री-अपीयर क्लियर करने का एक विशेष मौका मिलेगा। इसमें ईवन और ओड सिस्टम के बिना भी जून व जुलाई के महीने में स्टूडेंट्स के एग्जाम लिए जाएंगे। पहले ऐसा नहीं होता था लेकिन अब मंजूरी मिल गई है।

ये मांगें मान ली गईं

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मान लिया है कि ईवनिंग डिपार्टमेंट से बीए और बीकॉम करने वाले फाइनल ईयर के स्टूडेंट को पीयू की लाइब्रेरी से सभी किताबें इश्यू की जाएंगी। हॉस्टल नंबर 3 और 4 के पास छोटा गेट खुला रहेगा। हॉस्टलों में वुमंस गेस्ट के लिए गेस्ट रूम को 24 घंटे के लिए ओपन किया जाएगा। इसके साथ ही डिसीजन किया गया है कि हॉस्टलों के कमरों की अलॉटमेंट में पारदर्शिता लाई जाएगी। इसके लिए स्टूडेंट्स ऑनलाइन सिस्टम को बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं हालांकि यूनिवर्सिटी को इसमें फिलहाल समय लगेगा।

4 अप्रैल से चल रहा धरना खत्म, स्टूडेंट चलाएंगे को-ऑपरेटिव मेस

को-ऑपरेटिव मेस पर रेफरेंडम

अगले एकेडमिक सेशन से लड़कों के एक हॉस्टल में से कोई मेस को-ऑपरेटिव तौर पर शुरू की जाएगी। यूनिवर्सिटी एक रेफरेंडम करवा रही है जिसमें स्टूडेंट्स से पूछा जा रहा है कि क्या वह जीएसटी देना चाहते हैं या फिर वह को-ऑपरेटिव मेस चलाना चाहेंगे। यदि वह को-ऑपरेटिव मेस शुरू करना चाहेंगे तो उनको सर्विस चार्ज ज्यादा देना पड़ सकता है। एसएफएस का कहना है कि सर्विस चार्ज के नाम पर पीयू प्रशासन स्टूडेंट्स को डरा रहा है जबकि इससे बेहतर है कि सभी मेस को-ऑपरेटिव कर दी जाएं। उनकी यूनियन ने एक वीडियो भी रिलीज किया है जिसमें स्टूडेंट ने जानकारी दी है कि को-ऑपरेटिव मेस अब भी सस्ती पड़ती है।

आप हमारे देश की सबसे खूबसूरत जगह पर हैं जहां एक और पहाड़ियां और दूसरी और पानी व हरियाली मिलेगी। देश के बेस्ट इंस्टिट्यूट में हो रही इस ट्रेनिंग का आप फायदा उठाइए। इसका उपयोग आगे अपने देश में कीजिए। लगभग 17 अफ्रीकी देशों के लिए शुरू हुए ट्रेनिंग प्रोग्राम में यह कहना था सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब के वाइस चांसलर प्रो. आरके कोहली का। उन्होंने कहा कि क्वालिटी बहुत महत्वपूर्ण है। जिंदगी एक ही है, चाहे बना लीजिए चाहे बिगाड़ लीजिए।

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) मोहाली में मंगलवार को अफ्रीका के करीब 17 देशों से 50 अधिकारियों की मीटिंग शुरू हुई है जिसे प्रो. कोहली संबोधित कर रहे थे। यह सभी अधिकारी ड्रग कंट्रोल और क्वालिटी कंट्रोल से जुड़े हैं। पहले दिन उद्घाटन समारोह के बाद उन्होंने नाइपर के सभी डिपार्टमेंट से जाकर वैज्ञानिकों से मुलाकात की और वहां पर चल रहे प्रोजेक्ट के बारे में जाना। मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स की ओर से ड्रग रेगुलेटर ऑफिशियल्स की यह ट्रेनिंग कराई जा रही है। इंडिया-अफ्रीका फॉर्म सबमिट प्रोग्राम के तहत मिनिस्ट्री 19 साल से इस तरह की ट्रेनिंग कराती आ रही है। को-ऑर्डिनेटर डॉ. आलोक ने बताया कि इसमें करीबन 4 सेशन होंगे जिसमें 15 रिसोर्स पर्सन प्रतिभागियों को इन्वेस्टिगेशन प्रोसीजर, नकली दवाओं को पहचानना, रेगुलेटरी वर्किंग की कानूनी जानकारी, क्वालिटी रिसर्च मैनेजमेंट, रोल ऑफ ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी फॉर एश्योरेंस क्वालिटी मेडिसिंस, रेगुलेटरी आस्पेक्ट ऑफ हर्बल प्रोडक्ट एंड एप्लीकेशन ऑफ क्वालिटी बाइ डिजाइन, अप्रोच सॉलिड स्टेट फार्मेसी के बारे में बताएंगे।

इस कार्यक्रम में बोत्सवाना, काबो वरदे, इजिप्ट, कीनिया, मालावी, नाइजीरिया, सूडान, तंजानिया, जांबिया, जिम्बाब्वे आदि देशों के कुल 40 प्रतिभागी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। ड्रग रेगुलेटरी, फार्मासिस्ट तथा क्वालिटी कंट्रोल से संबंधित इस कोर्स में भाग ले रहे हैं। नाइपर मोहाली पिछले 18 सालों से विदेश मंत्रालय के सहयोग से इस प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन कर रहा है। ट्रेनिंग प्रोग्राम में संस्थान के निदेशक प्रो. ए रघुराम राव ने मुख्य अतिथि प्रो. आरके कोहली का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तार से जानकारी दी।

आप हमारे देश की सबसे खूबसूरत जगह पर हैं जहां एक और पहाड़ियां और दूसरी और पानी व हरियाली मिलेगी। देश के बेस्ट इंस्टिट्यूट में हो रही इस ट्रेनिंग का आप फायदा उठाइए। इसका उपयोग आगे अपने देश में कीजिए। लगभग 17 अफ्रीकी देशों के लिए शुरू हुए ट्रेनिंग प्रोग्राम में यह कहना था सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब के वाइस चांसलर प्रो. आरके कोहली का। उन्होंने कहा कि क्वालिटी बहुत महत्वपूर्ण है। जिंदगी एक ही है, चाहे बना लीजिए चाहे बिगाड़ लीजिए।

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) मोहाली में मंगलवार को अफ्रीका के करीब 17 देशों से 50 अधिकारियों की मीटिंग शुरू हुई है जिसे प्रो. कोहली संबोधित कर रहे थे। यह सभी अधिकारी ड्रग कंट्रोल और क्वालिटी कंट्रोल से जुड़े हैं। पहले दिन उद्घाटन समारोह के बाद उन्होंने नाइपर के सभी डिपार्टमेंट से जाकर वैज्ञानिकों से मुलाकात की और वहां पर चल रहे प्रोजेक्ट के बारे में जाना। मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स की ओर से ड्रग रेगुलेटर ऑफिशियल्स की यह ट्रेनिंग कराई जा रही है। इंडिया-अफ्रीका फॉर्म सबमिट प्रोग्राम के तहत मिनिस्ट्री 19 साल से इस तरह की ट्रेनिंग कराती आ रही है। को-ऑर्डिनेटर डॉ. आलोक ने बताया कि इसमें करीबन 4 सेशन होंगे जिसमें 15 रिसोर्स पर्सन प्रतिभागियों को इन्वेस्टिगेशन प्रोसीजर, नकली दवाओं को पहचानना, रेगुलेटरी वर्किंग की कानूनी जानकारी, क्वालिटी रिसर्च मैनेजमेंट, रोल ऑफ ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी फॉर एश्योरेंस क्वालिटी मेडिसिंस, रेगुलेटरी आस्पेक्ट ऑफ हर्बल प्रोडक्ट एंड एप्लीकेशन ऑफ क्वालिटी बाइ डिजाइन, अप्रोच सॉलिड स्टेट फार्मेसी के बारे में बताएंगे।

प्रो. संजय जाचक, कार्यक्रम के समन्वयक तथा कुलसचिव विंग कमांडर रिटायर्ड पीजेपी सिंह वड़ैच भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे तथा प्रो. संजय जाचक, प्रोग्राम के को-आॅर्डिनेटर ने सभी प्रतिभागियों को 10 दिन के दौरान होने वाले आयोजनों की जानकारी दी। फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री, रिसर्च लैब, अकादमी एवं रेगुलेटरी एजेंसियों के करीब 15 विशेषज्ञ अपना रिसर्च पेपर रखेंगे और डिस्कशन में हिस्सा लेंगे। विभिन्न एनालिटिकल इक्विपमेंट पर ट्रेनिंग के चार सेशन आयोजित किए जाएंगे तथा 3 इंडस्ट्री विजिट भी आईटेक कार्यक्रम के दौरान करवाई जाएंगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *