जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने नए सिरे से षड्यंत्र रचना शुरू कर दिया है। इस बार पाक सेना रेफरेंडम 20-20 के बहाने कट्टरपंथियों को फंड उपलब्ध करवाने के साथ-साथ पंजाब सहित पूरे देश अशांति फैलाने के लिए लोगों की संवेदनाओं का सहारा ले रही है।
भारतीय खुफिया एजेंसीज की तरफ से इस बाबत एकत्र की गई सूचनाओं के अनुसार पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद मोहम्मद मलही उर्फ चौधरी साहब सहित 8 अफसरों की टीम को पंजाब में अशांति फैलाने के काम पर लगाया है। इंग्लैंड में रेफरेंडम 20-20 की मांग को लेकर कट्टरपंथी सिख संगठनों की तरफ से हो रही रैली के लिए भी चौधरी को ही तैनात किया गया है।
पंजाब की खुफिया एजेंसीज ने इस बाबत भारतीय खुफिया एजेंसीज के साथ संपर्क कर जानकारियां सांझा की हैं। खुफिया एजेंसियों की मानें तो पाक की यह टीम इंगलैंड में 12 अगस्त को खालिस्तान के गठन की मांग को लेकर हो रहे रेफरेंडम 20-20 को सफल बनाने की कवायद में जुटी है। इससे अंतररराष्ट्रीय मंच पर पंजाब को खालिस्तान के रूप में अलग करने की आवाज को और मजबूती मिलेगी।
साथ ही इसके बहाने पंजाबी युवाओं को उन्हीं के तमाम करीबियों तथा विदेशों में बैठे कट्टरपंथियों की मदद से पंजाब व देश के खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिश की जाएगी। रेफरेंडम 20-20 का मास्टर माइंड भी चौधरी को ही कहा जा रहा है। इस संबंध में इंटेलीजेंस को मिली जानकारियों के अनुसार बरगाड़ी व बहिबल कलां कांड को लेकर चल रहे धरने पर बैठे लोगों को फंड उपलब्ध करवाया जा रहा है।
आइबी ने एक माह पहले ही कर दिया था अलर्ट
इंटेलीजेंस ब्यूरो ने पंजाब सरकार को एक महीने पहले ही अलर्ट कर दिया था कि पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिशें पड़ोसी पाकिस्तान की तरफ से मुल्क की तरफ से एक बार फिर नई रणनीति के तहत की जा रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बीते महीने आइबी चीफ राजीव जैन की मुलाकात भी चंडीगढ़ में हुई थी। करीब दो घंटे से ज्यादा चली मुलाकात में दोनों के बीच क्या-क्या बातें हुई थीं, इसका आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया गया था, लेकिन इंटेलीजेंस के सूत्रों के अनुसार दोनों की सुरक्षा को लेकर अहम बातचीत हुई थी। उसके बाद से पंजाब इंटेलीजेंस की टीम भी रेफरेंडम को लेकर काफी ज्यादा सक्रिय हो गई है।
चौधरी पर पठानकोट हमले का मास्टर माइंड होने का आरोप
चौधरी पर गुरदासपुर के दीनानगर में 2015 में हुए आतंकी हमले व 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले का मास्टर माइंड होने का आरोप है। लाहौर के पास के रहने वाले चौधरी बलौच रेजीमेंट में 1995 को तैनात हुए थे। 2012 में उन्हें लेफ्टिनेंट कर्नल बना दिया गया था। खुफिया एजेंसीज के अनुसार उसके बाद से ही वह पंजाब के रास्ते भारत में अशांति फैलाने के साजिशों में शामिल रहे हैं।
धार्मिक नेताओं की हत्या के पीछे भी था आइएसआइ का हाथ
पंजाब में हिंदू सिखों में हिसा फैलाने के मद्देनजर बीते कुछ सालों में की गई कई धार्मिक हस्तियों की हत्या के पीछे भी आइएसआइ का हाथ होने के सबूत पंजाब पुलिस को मिले थे। उसके बाद इन हत्याओं की जांच की जिम्मेवारी एनआइए को सौंप दी गई। गिरफ्तार आरोपियों ने पंजाब में बीते सालों में की गई हिंदू, सिख व इसाईयों समुदाय की हस्तियों की हत्या से जुड़े तमाम राज भी खोले हैं कि किस प्रकार उन्हें आइएसआइ के सरगनाओं व इंगलैंड, जर्मनी, कनाडा सहित आधा दर्जन देशों से कट्टरपंथियों की तरफ से फंड उपलब्ध करवाया जाता था।