टी-20 सीरीज में इंग्लैंड को हराने के बाद भारतीय टीम उत्साह से भरी हुई थी। पहले वनडे में मिली 8 विकेट से जीत ने विश्वास बढ़ाया कि टीम इंडिया वनडे सीरीज पर भी कब्जा जमाएगी। मगर इंग्लैंड ने जबरदस्त वापसी करते हुए पहले तो दूसरे वनडे में जीत हासिल की फिर मंगलवार रात ‘विराट सेना’ को 8 विकेट से रौंद डाला।
इस तरह न सिर्फ टीम इंडिया ने यह सीरीज 2-1 से गंवाई बल्कि, विराट कोहली की अगुवाई में लगातार 10 वनडे सीरीज जीतने से भी चूक गई। इस मैच के कुछ अहम मौके ऐसे रहे, जब मैच टीम इंडिया के हाथ से फिसल गया। आइए नजर डालते हैं, ऐसे ही कुछ पलों पर जो बने भारतीय टीम के हार के कारण….
लगातार अंतराल पर अहम विकेट खोना: टॉस हारने के बाद टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करने मैदान पर आती है। इस खिताबी मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजों से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन रोहित शर्मा के जल्दी आउट हो जाने के बाद हमारे बल्लेबाजों ने काफी निराश किया। क्रीज पर जमने के बाद अपने विकेट गंवा दिए।
शिखर धवन ने जरूर 44 रन की पारी खेली। मगर गैर जिम्मेदाराना तरीके से वह रनआउट हो गए। विराट कोहली ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन 71 रन बनाने के बाद अहम मौके पर वह भी आउट हो गए।
महेंद्र सिंह धोनी ने इस दौरान तीन छोटी-छोटी अहम साझेदारियां की। उन्होंने विराट कोहली के साथ 31, हार्दिक पंड्या के साथ 36 और फिर भुवनेश्वर कुमार के साथ 27 रन जोड़े। मगर रन गति बढ़ाने के वक्त वह भी 42 रन बनाकर चलते बने।
केएल राहुल की जगह आए दिनेश कार्तिक का फ्लॉप होना: कप्तान कोहली ने इस खिताबी मुकाबले में बड़ा बदलाव करते हुए केएल राहुल की जगह दिनेश कार्तिक को मौका दिया। सीरीज में अपना पहला वनडे खेल रहे कार्तिक के पास इस सुनहरे अवसर को भुनाने का अच्छा मौका था।
2 विकेट जल्दी गिर जाने के बाद डीके के पास भरपूर समय था। चाहते तो वह आराम से साझेदारी करते हुए बड़ा स्कोर बना सकते थे। चार नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने विराट कोहली के साथ शुरुआत तो अच्छी की।
मगर उसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके। 21 रन के निजी स्कोर पर वह बोल्ड हो गए। जिसके बाद विराट कोहली समेत अगले बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ गया।
आदिल रशीद को हल्के में लेना: स्पिन खेलने में महारत रखने वाले भारतीय बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द एक स्पिनर ही बनकर उभरा। आदिल रशीद ने टीम इंडिया को 3 करारे झटके दिए। 10 ओवर्स में शुरुआती झटकों के बाद जब लगा कि टीम इंडिया वापस मैच में वापसी कर रही है तभी रशीद ने विराट कोहली के रूप में टीम को सबसे बड़ा झटका दिया।
71 रन पर खेल रहे विराट के पास रशीद की लेग स्पिन का कोई जवाब नहीं था। लेग स्टंप पर पिच हुई गेंद ने जैसे ही ऑफ स्टंप की गिल्लियां बिखेरी कोहली सन्न रह गए। इसके पहले दिनेश कार्तिक (21) के रूप में वह टीम इंडिया को तीसरा झटका दे ही चुके थे।
विराट को निपटाने के बाद उसी ओवर की आखिरी गेंद पर रशीद ने रैना (1) को आउट कर टीम इंडिया की कमर तोड़ दी।
तेज गेंदबाजों की खराब शुरुआत: 257 के औसत लक्ष्य को बचाने उतारी टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब रही। इंग्लैंड के शुरुआती बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के आक्रमण के सामने बिलकुल भी दबाव में नहीं आए।
इस मैच में भुवनेश्वर कुमार को उतारा गया, लेकिन वह बेअसर साबित हुए। उनकी बॉडी लेंग्वेज को देखकर साफ लग रहा था कि वह अभी पूरी तरह फिट नहीं हैं। विराट ने उनसे 10 ओवर भी गेंदबाजी नहीं कराई, 7 ओवर में भुवी ने बिना कोई विकेट लिए 49 रन लुटा दिए।
भुवनेश्वर कुमार बल्लेबाजी में जरूर चले, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरत गेंदबाजी में थी, वह वहां फेल हो गए। इनके अलावा शार्दुल ठाकुर और तीसरे तेज गेंदबाज की भूमिका निभा रहे हार्दिक पांड्या भी बेहद महंगे साबित हुए।
ट्रंप कार्ड हुए फेल: टी-20 सीरीज और पहले वनडे में टीम इंडिया की जीत में भारतीय स्पिनर्स ने अहम भूमिका निभाई थी। युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव दोनों कलाई स्पिनर्स को विराट कोहली का ट्रंप कार्ड माना जा रहा था।
फाइनल मुकाबले में दोनों ही फिरकी गेंदबाज बुरी तरह फेल साबित हुए। तेज गेंदबाजों के विफल होने के बाद विराट ने 10वें ओवर से स्पिन आक्रमण का सहारा लिया। उम्मीद थी कि बीच के ओवर्स में हमारे स्पिनर्स न सिर्फ रन गति पर अंकुश लगाएंगे बल्कि विकेट चटकाकर मैच में भारत की वापसी करवाएंगे।
मगर इंग्लिश बल्लेबाजों ने उनके सामने भी खुलकर हाथ दिखाए। जो रूट और इयोन मॉर्गन ने तीसरे विकेट के लिए 186 रन की नाबाद साझेदारी की। दोनों ने टीम इंडिया से जीत काफी दूर कर दी, माना जा रहा था कि पिछले 6 मैच में यह लीड्स की सबसे धीमी पिच है। बावजूद इसके इंग्लिश बल्लेबाजों ने बिना गलती किए जरूरत के हिसाब से शॉट खेले।
इस दौरान युजवेंद्र चहल ने जहां 10 ओवर में 41 रन दिए तो कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 55 रन खर्च कर दिए। दोनों ही युवा स्पिनर्स को एक भी विकेट नसीब नहीं हुआ।