मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी तरफ से इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने के वादे में देर नहीं की जाएगी। सरकार एक जनवरी 2018 से नए बिजली ढांचे को लागू करने को तैयार है। इसके लिए कैप्टन ने सोमवार को बैठक कर दो सीनियर कैबिनेट मंत्री मनप्रीत बादल और राणा गुरजीत सिंह को जिम्मेदारी सौंपी।
सीएम ने उन्हें कहा कि वे मंगलवार को उद्योग जगत के लोगों से मुलाकात करें। सस्ती बिजली को लेकर इंडस्ट्री की शंकाएं दूर करें और तय बिजली दरों को पिछले समय से न लागू करने के अलावा अन्य संबंधित मुद्दों के हल निकालें।
मीटिंग में बिजली रेगुलेटरी कमीशन द्वारा तय की गई नई बिजली दरों को एक अप्रैल 2018 से लागू करने पर भी विचार किया गया। यदि तय दरें मौजूदा रूप में लागू होती हैं तो छह सौ करोड़ का बोझ पड़ेगा। वहीं ऐसे उद्योगों द्वारा नई बिजली दरों का विरोध किया जा रहा है, जो अपनी इकाइयों का लोड ठीक करवाने को और समय चाहते हैं। क्योंकि नई बिजली दरों में लोड के हिसाब से बिल ज्यादा आ रहा है ना कि खपत के हिसाब से।
करेंगे उद्यमियों से मुलाकात
सीएम ने कहा कि देखने में आया है कि ज्यादातर इकाइयों ने अपने लोड घटवा लिए हैं। छोटे उद्योग, खासकर बीमार यूनिट, जोकि कम समय के लिए चले थे, को भी नए दो-चरण दरों के ढांचे ने बुरी मार मारी है।
इन इकाइयों ने बिजली दरों को सीमित रखने की मांग की थी। इस पर मंगलवार की बैठक में दोनों मंत्री विचार करेंगे। सीएम ने कहा कि सरकार रेगुलेटर द्वारा तय दरें लागू करने से पैदा होने वाले अंतर के लिए एक सीमा तक सब्सिडी देने पर विचार कर रही है।
सीएम ने अधिकारियों को हिदायत दी कि बिजली के सह-उत्पादन और बीमार इकाइयों का मुद्दा रेगुलेटर के पास उठाएं ताकि दो चरणीय बिजली दर स्कीम के उन पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके।