गैंगरेप

एक बार फिर शर्मशार हुआ चंडीगढ़, कोचिंग सेंटर से पीजी जा रही युवती से ऑटो में गैंगरेप

कोचिंग सेंटर से पीजी जा रही एक युवती से तीन लोगों ने गैंगरेप किया। वारदात शुक्रवार रात को सेक्टर-53 में हुई। युवती सेक्टर-37 में कोचिंग सेंटर से मोहाली स्थित अपने पीजी के लिए एक ऑटो से निकली थी। प्राथमिक पूछताछ में आरोप ऑटो चालक और उसमें मौजूद दो अन्य युवकों पर है।

युवती को अपना शिकार बनाने के बाद सेक्टर-53 के सुनसान एरिया में छोड़कर आरोपी गायब हो गए। युवती ने फोन से पुलिस को संपर्क किया और पुलिस ने उसे घटनास्थल से रेस्कयू किया। वारदात से पहले ऑटो वाले ने एक पेट्रोल पंप से तेल भी डलवाया गया, लेकिन युवती को उस पंप के बारे में नहीं पता। समाचार लिखे जाने तक सेक्टर-16 स्थित सरकारी अस्पताल में युवती का मेडिकल कराया जा रहा था। वहीं सेक्टर-36 थाना पुलिस सहित डीएसपी साउथ और अन्य अधिकारी मामले की जांच में जुटे रहे। वारदात के रूट का मोबाइल डंप भी लिया गया है।

मौके से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मूल रूप से देहरादून की रहने वाली युवती मोहाली में पीजी रहती है। वह सेक्टर-37 के कोचिंग संस्थान में पढ़ने के अलावा जॉब भी करती है। बताया जा रहा है कि प्राइवेट जॉब के बाद वह कोचिंग सेंटर जाती है। सेंटर में उसका शुक्रवार को तीसरा दिन ही था। वह कोचिंग के बाद पीजी के लिए निकली और सेक्टर-37 में ही बस स्टॉप के पास उसने ऑटो लिया। ऑटो में चालक के अलावा दो अन्य युवक भी थे।

सूत्रों के मुताबिक युवती को रास्ते का ज्ञान नहीं था तो ऑटो चालक ने रास्ता भटका दिया और सवार अन्य लोगों ने उसे चाकू के बल पर दबोच लिया। ऑटो को सेक्टर-53 के एरिया में रोक कर उसके साथ गैंग रेप किया गया। किसी तरह लड़की पुलिस स्टेशन पहुंची और आपबीती बताई। वारदात की सूचना आला अधिकारियों तक पहुंची तो शहर में अलर्ट जारी हुआ।

कहीं एक ही गैंग तो नहीं


जब ऐसे ही ऑटो वालों ने बनाया युवतियों को हवस का शिकार

– पिछले साल 12 दिसंबर को काल सेंटर में काम करने वाली युवती का भी गैंग रेप हुआ था। उसने भी सेक्टर-34 से अपने घर जाने के लिए ऑटो लिया था। ऑटो में चालक सहित तीन युवक थे, जिन्होंने चाकू के बल पर वारदात को अंजाम दिया था। ऑटो चालक छह दिन बाद पकड़ा गया था, जबकि दो अन्य आरोपी अब तक फरार हैं।

– इसी साल 24 मार्च को ऑटो में एक युवती से दुराचार की कोशिश की गई, लेकिन उसने ऑटो से कूदकर जान बचाई। वारदात अभी तक नहीं सुलझी।

– पिछले साल अगस्त में एजिप्ट की रहने वाली एक युवती के साथ भी ऑटो में दुराचार का प्रयास हुआ था, जिसका आरोपी पकड़ा गया था।

कहीं एक ही गैंग तो नहीं

पिछले साल 12 दिसंबर की घटना और इस साल 24 मार्च की वारदात के आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। कहीं न कहीं शक गहराता है कि सामूहिक दुराचार एक ही गैंग का काम तो नहीं? 12 दिसंबर की घटना में पकड़े ऑटो चालक ने कहा था कि वह दो अन्य युवकों को नहीं जानता, लेकिन यह बयान सवालिया निशान लगाता है पुलिस की थ्योरी पर। क्योंकि सामूहिक दुराचार का एक आरोपी पकड़ लिया तो बाकी आरोपियों को पकड़ने में इतनी लापरवाही कैसे बरती जा रही है।

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