लापरवाही की हद: ऑपरेशन के लिए तारीख पर तारीख, बच्चे ने PGI में तोड़ा दम
मानसा का आठ वर्षीय अनमोल प्रीत सिंह पीजीआई की लेटलतीफी का शिकार हो गया है। आठ मार्च को ब्रेन ट्यूमर की शिकायत पर उसे पीजीआई की इमरजेंसी में दाखिल कराया था। डाक्टरों ने कहा कि आपरेशन होना है। एक आपरेशन तत्काल कर दिया गया, जबकि दूसरे के लिए उसे तारीख पर तारीख मिलती रही। करीब एक महीने तक डाक्टर उसे आश्वासन देते रहे। आपरेशन नहीं होने पर 16 अप्रैल को उसने दम तोड़ दिया। अनमोल के चाचा गुरजंट ने बताया कि उसकी हालत लगातार खराब हो रही थी। डाक्टरों को बताते थे, लेकिन वे गंभीर नहीं थे।Sponsored Links You May Like
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by Taboola
13 मार्च को मंगवाया सामान, फिर वापस कराया
गुरजंट सिंह ने बताया कि 9 मार्च के बाद 13 मार्च को दूसरे आपरेशन की तारीख दी गई। डाक्टरों ने गुरजंट से सामान भी मंगवा लिया। बाद में डाक्टरों ने कहा कि आज आपरेशन नहीं हो सकता। सामान वापस कर दो। दोबारा से तारीख दी जाएगी। उसके बाद रोजाना डाक्टर जांच के लिए पहुंचते, लेकिन आपरेशन की तारीख नहीं मिली। 14 अप्रैल को उसकी तबियत काफी खराब हो गई। सांस टूटने लगी। आवाज आना तक बंद हो गई, लेकिन डाक्टरों ने ध्यान नहीं दिया।
डेढ़ महीने रहा दाखिल, फिर भी नहीं दी तारीख
अनमोल पिछले डेढ़ महीने से पीजीआई के डिजास्टर वार्ड में एडमिट था। उसके परिजन मजदूरी करते है। गुरजंट ने बताया कि तारीख नहीं मिलने की स्थिति पर पीजीआई में कुछ लोगों ने कहा कि प्राइवेट हास्पिटल चले जाओ। लेकिन इलाज काफी महंगा होने के कारण बात नहीं बन सकी। गुरजंट ने बताया कि उनका भतीजा बहुत ही होशियार था। चौथी क्लास में पढ़ता था।