कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो की भारत यात्रा के दौरान खालिस्तानी समर्थक जसपाल अटवाल को डिनर के लिए निमंत्रण देने के मामले पर फिर राजनीति गर्मा गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की भारत यात्रा के दौरान उनके शिष्टमंडल के साथ आए खालिस्तानी समर्थक जसपाल अटवाल को लेकर एक बार फिर से राजनीति गर्मा गई है। अटवाल पंजाब के पूर्व मंत्री मलकीत सिंह सिद्धूू की हत्या के आरोपी हैं। ट्रुडो के सम्मान में कनाडा दूतावास में दिए गए डिनर पर उनको भी निमंत्रण दिया गया था। इसे लेकर कनाडा में विपक्षी पार्टियों ने ट्रुडो पर सवाल उठाए, तो उनके एक अधिकारी ने कहा कि अटवाल को निमंत्रण देने में भारतीय अधिकारी शामिल हैं। ट्रुडो ने अपने अधिकारी का समर्थन किया है।
ट्रुडो के भारत में अपनी पहली यात्रा से लौटने के बाद विपक्ष ने अटवाल को लेकर सवाल उठाए। इसका ट्रुडो सरकार के प्रशासन ने बचाव करते हुए इसे भारतीय अधिकारियों की साजिश बताया। कनाडियन मीडिया के मुताबिक ट्रुडो के नेशनल सुरक्षा अधिकारी डेनियल जीन ने यह बयान जारी किया है। इसका ट्रुडो ने समर्थन किया है।
न्यू डेमोक्रेट एमपी चार्ली एंगस ने कहा कि अटवाल कई लिबरल सांसदों, मंत्रियों और नेताओं के साथ फोटो खिंचवा चुके हैं। वे ट्रूडो के साथ इसलिए भारत यात्रा पर गए, क्योंकि उनकी उपस्थिति कनाडा में स्थानीय लिबरल लोगों के लिए उपयोगी मानी जा रही है।
ट्रुडो की पत्नी के साथ अटवाल के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ही यह मामला उठा था, जिसके चलते यह डिनर न केवल रद करना पड़ा, बल्कि कनेडियन प्रशासन की इसकी सफाई भी देनी पड़ी।
भारत का कोई हाथ नहीं
कनाडा सरकार के अटवाल को डिनर पर निमंत्रण देने को लेकर लगाए आरोपों का भारत ने खंडन किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कनाडियन संसद में भारतीय अधिकारियों पर यह आरोप लगाया गया है कि जसपाल अटवाल को डिनर के लिए निमंत्रण देने के पीछे उनका हाथ है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता है कि सुरक्षा एजेंसियों समेत भारत सरकार का जसपाल अटवाल को निमंत्रण देने के पीछे कोई हाथ नहीं है।