किसान और खेती दोनों को नहीं समझते
मक्की की केवल 25 प्रतिशत फसल एमएसपी पर खरीदने के केंद्र सरकार के निर्णय पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र को कड़ी फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने पूछा कि यह निर्णय किसने लिया है। इस पर बताया गया कि एक्सपर्ट कमेटी ने लिया है।
अदालत ने कहा कि एसी कमरों में बैठने वाले नौकरशाह किसानों के लिए नीति बना रहे हैं, जो किसान और खेती दोनों को नहीं समझते। नीति बनाने से पहले किसानों के हालात को तो समझ लें। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव को हाईकोर्ट में हाजिर रहने के आदेश दिए हैं। सोमवार को मामले की सुनवाई शुरू होते ही हाईकोर्ट ने 25 प्रतिशत फसल की खरीद के निर्णय पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की नीति पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछा कि केंद्र सरकार में किसानों के लिए नीति कौन बनाता है।
हाईकोर्ट ने पूछा कि 25 प्रतिशत फसल की एमएसपी पर खरीद का निर्णय लेते हुए क्या यह सोचा गया कि किस आधार पर तय किया जाएगा। कौन से किसान की फसल खरीदी जाएगी और किसानों का चयन कैसे किया जाएगा। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के कृषि विभाग के सचिव को मामले की अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होकर इस बारे में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिलने पर उससे आधे में फसल बेचने को मजबूर हैं और दिल्ली वाले एसी कमरों में बैठे रहते हैं। वहीं सूरजमुखी की खरीद पर रोक के बारे में हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को जानकारी दी। हरियाणा ने बताया कि सूरजमुखी की खरीद शुरू कर दी गई है और केंद्र सरकार ने भी अब इसकी खरीद का कोटा 25 प्रतिशत से बढ़ा कर 35 प्रतिशत कर दिया है।