किसान ने जान देकर चुकाई ब्यास दरिया
दरिया ब्यास से पैंटून पुल हटने की कीमत एक किसान को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। वह समय पर नहीं पहुंच सका और उसकी जान चली गई। पंजाब में कपूरथला के मंड एरिया के कमलजीत सिंह के पिता को खेतों में काम करने के दौरान सांप ने डस लिया।
किश्ती के सहारे अस्पताल पहुंचने में करीब 20 मिनट लगे लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनके पिता की जान चली गई। सुल्तानपुर उपमंडल के मंड इलाके में बलकार सिंह (60) निवासी गांव कदमवाला को खेतों में काम करते समय एक सांप ने डंस लिया। उसका बेटा कमलजीत (27) भी उसके साथ काम कर रहा था।
इसी दौरान बलकार सिंह को सांप ने डस लिया। बलकार को नाव से दरिया ब्यास पार अस्पताल ले जाया गया। इसमें करीब बीस मिनट लगे, क्योंकि प्रशासन की ओर से बाढ़ के मद्देनजर 15 दिन पहले ही पैंटून पुल हटाया गया था। नाव के अलावा परिवहन का कोई भी तरीका नहीं है। कमलजीत ने कहा कि अगर ब्यास पर पुल बना होता तो आज उसके पिता जीवित होते।
हर साल जुलाई में हटा लिया जाता है पुल
ब्यास दरिया से पैंटून पुल हटा
बता दें कि इस टापू में 16 गांवों में 5000 से अधिक लोग रहते हैं। इस एरिया को पंजाब का ‘मिनी श्रीलंका’ भी कहा जाता है। हर साल जुलाई में जिला प्रशासन की ओर से पैंटून पुल हटा लिया जाता है। स्कूल, अस्पताल और घर के नियमित कामों के लिए भी स्थानीय लोगों को नाव से यात्रा करनी पड़ती है। इस दूरस्थ क्षेत्र में एक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय है, लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।
अस्पताल में डॉक्टर की अनुपस्थिति में उचित चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। निवासी इस क्षेत्र के लिए एक स्थायी पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा। प्रभावित गांवों में बाऊपुर, बाऊपुर कादीम, बाऊपुर जदीद, कदमवाला, संगरा, गौरेवाल, किशनगढ़, रामपुर गोरे और तांगरा शामिल हैं। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष परमजीत सिंह ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है।
मंड में चिकित्सा सुविधाओं की अनुपलब्धता के चलते इस टापू के कई लोगों की मौत हो गई है। हम पिछले कई सालों से राज्य सरकार से स्थायी पुल की मांग कर रहे हैं लेकिन हर साल हमें तीन महीने इसी तरह रहना होता है। सुल्तानपुर लोधी के विधायक नवतेज सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सामने उठाया है और एक स्थायी पुल जल्द ही बनाया जाएगा।