कुत्तों को नहीं पकड़ेगा निगम लेकिन काटने पर कराएगा फ्री इलाज!
आवारा कुतों से निपटने के लिए तो निगम कोई फैसला नहीं कर सका लेकिन शुक्रवार को हुई सदन की बैठक में तय हुआ कि कुत्ते के काटने पर मरीज का इलाज निगम खुद कराएगा। हालांकि फिलहाल यह व्यवस्था छह माह के ट्रायल पर है। इसमें चंडीगढ़ ही नहीं पंचकूला, मोहाली, हिमाचल, हरियाणा और पंजाब के मरीजों का भी निशुल्क इलाज होगा। इस समय सेक्टर-19 और 38 की डिस्पेंसरी में कुत्ता काटने वालों को वैक्सीन और एनीमल सीरम दी जाती है।
फिलहाल अभी एक सौ रुपये सीरम के लिए और 50 रुपये वैक्सीन के लिए शुल्क लिया जाता है। मालूम हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन सदन की बैठक शुरू होने से पहले मेयर आशा जसवाल से मिले। इस दौरान भी उन्होंने लावारिस कुत्तों को कंट्रोल करने की बात रखी। इसके साथ ही जो चना- भठूरा, चाट, पापड़ी और गोल गप्पे विक्रेताओं की लाइसेंस फीस सालाना 24 हजार करने के प्रस्ताव को कम करने की मांग रखी।
जून तक कंपनी का कार्यकाल बढ़ाया
इस समय कुत्तों की नसबंदी कर रही कंपनी का कार्यकाल जून माह तक बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार तब तक नई कंपनी के लिए टेंडर प्रक्रिया का काम पूरा कर दिया जाएगा।