तिरुवनंतपुरम/कोच्चि : केरल में बारिश के कम होने और राहत अभियान के अंतिम चरण में होने से लोगों को कुछ राहत जरुर मिली है लेकिन बेघर हुए लाखों लोगों का पुनर्वास और जलजनित बीमारियों को रोकने का काम एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में आठ अगस्त के बाद से मानसून के दूसरे चरण में भारी बारिश और बाढ़ के चलते 300 से ज्यादा लोगों की जान गई है 7.24 लाख से अधिक लोग बेघर हुए हैं जिन्हें 5,645 राहत शिविरों में ठहराया गया है।
सेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी आर सोनी ने तिरुवनंतपुरम में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राहत अभियान अब भी जारी है और जिन क्षेत्रों तक आसान पहुंच नहीं है, वहां फंसे लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सोनी ने कहा कि राहत अभियानों में 1,500 सैन्यकर्मी शामिल हैं। छतों पर और संपर्क से बुरी तरह कटे इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रक्षाबलों के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बीच, कल रात को एर्णाकुलम जिले के परूर में छह और शव बरामद होने के साथ ही मृतकों की संख्या 216 पर पहुंच गई। अधिकारियों ने बताया कि मकानों का मलबा हटाने की कोशिशें चल रही है ताकि उन्हें रहने लायक बनाया जा सकें।