केस को लटका रहा है पंजाब
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि कार्यकारिणी ने उसे सर्वसम्मति से नामंजूर करते हुए झिंडा को पद पर बने रहने को कहा।
झिंडा द्वारा बार-बार निवेदन करने के बाद कार्यकारिणी उनके त्याग पत्र पर पुन: विचार करने को तैयार हो गई। इसके लिए जल्दी ही कमेटी की आम सभा बुलाने का निर्णय लिया गया है। हरियाणा कमेटी के प्रदेश मुख्यालय गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी व नौंवी चीका में एचएसजीपीसी की कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाई गई थी।
सूत्रों के अनुसार झिंडा ने हरियाणा कमेटी से अपना इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वे हाल ही में गठित जनता अकाली दल के प्रचार प्रसार के लिए अपना भार कम करना चाहते थे। ज्ञात रहे कि एचएसजीएमसी ने पिछले दिनों जनता अकाली दल के नाम से अपना राजनीतिक विंग खड़ा किया है और जगदीश सिंह झिंडा इसके पहले अध्यक्ष बनाए गए हैं। मंगलवार की मीटिंग में हरियाणा कमेटी के जनरल सेक्रेटरी जोगा सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीदार सिंह नलवी, कार्यकारिणी सदस्य अवतार सिंह चक्कू, करनैल सिंह, मोहनजीत सिंह, जगदेव सिंह, बलदेव सिंह बल्ली, लॉ कमेटी के अध्यक्ष चन्नदीप सिंह रोहतक, हरप्रीत सिंह, स्वर्ण सिंह पिहोवा, मेजर सिंह गुहला मौजूद थे।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा
केस को लटका रहा है पंजाब : सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा कमेटी के गठन को लेकर चल रहे केस को लेकर कार्यकारिणी में एसजीपीसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। मीटिंग में कहा गया कि एसजीपीसी सुप्रीम कोर्ट में बार-बार बहाने बनाकर तीन सालों से केस को लटका रही है।
हरियाणा कमेटी अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा ने कहा कि 1966 में जब हरियाणा बना था तब कालेज पंजाब यूनिवर्सिटी और खेती शिक्षा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना तथा गुरुद्वारे एसजीपीसी से संबद्ध थे। हरियाणा प्रदेश ने अपनी यूनिवर्सिटियां बना ली लेकिन पंजाब ने विरोध नहीं किया क्योंकि ये खर्चे वाला काम था।
अब इतने सालों बाद जब हरियाणा में गुरुद्वारों की संभाल के लिए अपनी कमेटी बनाने की बात आई तो पंजाब सरकार से लेकर एसजीपीसी तक टेंशन में आ गई क्योंकि गुरुद्वारे कमाई के साधन हैं। झिंडा ने आरोप लगाया कि पंजाब में हरियाणा के गुरुद्वारों से सालाना 70 करोड़ रुपये चढ़ावा अब भी जा रहा है।
हमने पेंशन लगाई उन्होंने कुछ नहीं दिया : झिंडा ने कहा कि पानीपत में गुरुद्वारे के गुंबद गिरने से जो दो सेवादार मारे गए थे उनके परिजनों की मदद के लिए हरियाणा कमेटी ने 5 हजार प्रति माह पेंशन लगा दी है। झिंडा ने कहा कि हरियाणा कमेटी का बजट सिर्फ 90 लाख रुपये सालाना है। हरियाणा से 70 करोड़ हर साल ले जाने वालों ने मृत सेवादारों की सहायता के लिए झूठे आंसू तक नहीं बहाए।