खत्म हुआ राम रहीम के अध्यात्म का ‘कारोबार
डेरामुखी को सजा के बाद अध्यात्म का ‘कारोबार’ खत्म हो गया है। इस चुंगल में फंसे डेरा प्रेमी अब डेरामुखी और उनके खासमखास नजदीकियों के कृत्यों के खिलाफ मुखर होने लगे हैं। कई डेरा प्रेमियों ने डेरे को छोड़ने का भी मन बना लिया है। इन डेरा प्रेमियों की अब हरियाणा सरकार से मांग है कि सर्च ऑपरेशन के बाद डेरे को पूरी तरह से सील कर दिया जाए और वहां हर तरह की एक्टिविटी को प्रतिबंधित कर दिया जाए।
इस सर्च ऑपरेशन की सीलबंद रिपोर्ट सरकार की ओर से 27 सितंबर को हाईकोर्ट में पेश की जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि डेरे के इशारे पर पंचकूला समेत हरियाणा और पंजाब में 25 अगस्त (डेरामुखी को सजा के दिन) जबरदस्त हिंसा हुई। जवाबी कार्रवाई में 40 लोगों की जानें तक चली गईं। उसके बाद भी डेरे के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं? कई दिन बाद अंतत: हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से 8 सितंबर को डेरे की सर्च शुरू होती है। इससे डेरे से तमाम संदिग्ध सुबूतों को ठिकाने लगाने का समय मिल गया। इस सर्च ऑपरेशन में भी जेसीबी मशीने डेरे के भीतर तो गई, लेकिन खुदाई के दौरान नरकंकालों का रहस्य जानने की कोशिश भी नहीं की गई। दूसरा, भाजपा के प्रवक्ता राजीव जैन और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बयानों में अभी भी ‘डेराप्रेम’ साफ झलक रहा है। आखिरकार सरकार इस विवादित डेरे केखिलाफ बड़ी कार्रवाई करने से क्यों हिचक रही है?