गंदगी को लेकर अफसरों की क्लास लग गई
गंदगी को लेकर अफसरों की क्लास लग गई, अफसरों की क्लास किसी और ने नहीं ब्लकि हाईकोर्ट ने ही लगा दी। पंचकूला की बदहाल व्यवस्था पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने अधिकारियों की जमकर क्लास ली। हाईकोर्ट ने कहा कि नगर निगम कमिश्नर नए आए हैं तो क्यों न उनको ऐसी जगह सरकारी आवास दे दें, जहां सीवरेज व्यवस्था नहीं है, गंदगी के अंबार लगे हैं। इससे उन्हें पता चल पाएगा कि लोग कितनी बुरी स्थिति में रहने को मजबूर हैं।
मंगलवार को हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि लगता है कि अवमानना की कार्रवाई भी इन्हें सुधारने केलिए काफी नहीं होगी। सबक सिखाने के लिए जरूरी है कि इन पर आर्थिक दंड लगाया जाए ताकि उनको अपनी जिम्मेदारी का अहसास हो। हाईकोर्ट ने एमसी की इंजीनियरिंग विंग पर 5 लाख रुपये और हुडा पर एक लाख रुपये जुर्माना लगा दिया। इसके साथ ही निगम कमिश्नर और हुडा को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए जवाब भी मांगा है।
कोर्ट में मौजूद एमसी कमिश्नर डॉ शालीन ने सफाई दी कि कई प्रोजेक्ट आरंभ हो चुके हैं। सीवरेज, स्ट्रे कैटल, स्ट्रे डॉग्स, सड़कों की रिकारपेटिंग जैसे काम बहुत तेजी से पूरे हो रहे हैं। सड़कों पर स्ट्रीट लाइट का भी टेंडर जारी हो रहा है। जिसके तहत केवल एलईडी लाईट ही लगाई जा रही हैं। कुत्तों की नसबंदी का काम भी रोजाना किया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान पंचकूला के तत्कालीन निगम कमिश्नर ललित सिवाच से पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट ने कहा था कि क्यों नहीं हरियाणा सरकार सरकारी कार्यालयों में बैठे ऐसे अफसरों का तबादला कर देती जो अपनी ड्यूटी को सही प्रकार से नहीं निभाते हैं। इसके बाद सिवाच का ट्रांसफर कर दिया गया था।