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..गिनती के गायक ही रखते हैं अपने साथ गनमैन

शंकर सिंह, चंडीगढ़ : पंजाबी गायक परमीश वर्मा को गैंगस्टर्स द्वारा धमकियां देने और गोली मारने के बाद से पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के गायक खौफ में हैं। हालांकि गायक अपनी सुरक्षा के लिए बाउंसर जरूर रखते हैं, मगर ये बाउंसर भी बिना हथियार ही होते हैं। गिनती के ही गायक अपने साथ गनमैन लेकर चलते हैं। ¨हदी और पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में पिछले कई वर्षो से सिक्योरिटी सर्विस प्रोवाइड कर रहे पंजाबी बुल्स बाउंसर सिक्योरिटी के ऑनर केएस रूपल ने कहा कि ज्यादातर गायक और सेलिब्रिटी केवल बाउंसर तक ही सिक्योरिटी की डिमांड करते हैं। बहुत कम ही गायक गन के साथ बाउंसर की डिमांड करते हैं। खुद पर केस होने का डर रहता है

रूपल ने कहा कि इन दिनों गनमैन रखने के दौरान कई तरह की समस्या भी होती है। आप अगर अपनी या गायक की रक्षा के लिए गोली चलाते भी हैं, तो आप पर आ‌र्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हो जाता है। इसमें भी अगर गायक साथ दे, तो आप केस से छुटकारा पा सकते हैं। सबके हैं पर्सनल बॉडीगार्ड, मगर गनर महज एक-दो के पास

सूत्रों के अनुसार अभी तक पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में गायक केवल घर से बाहर ईवेट या कॉन्सर्ट में जाते वक्त ही बाउंसर की सेवा लेते हैं। गिप्पी ग्रेवाल : दो प्राइवेट गनमैन हैं। साथ ही तीन पर्सनल बॉडीगार्ड। बाहर निकलते वक्त 12 बाउंसर साथ होते हैं। जैजी बी : पंजाब आने पर पंजाब पुलिस से दो गनमैन की सेवा मिलती है। साथ ही आठ बाउंसर लेकर चलते हैं। एम्मी विर्क : एक प्राइवेट गनमैन है, साथ ही ईवेट्स और प्रोमोशनल प्रोग्राम के तहत सात बाउंसर लेकर चलते हैं। अमृत मान : कोई गनमैन नहीं है। इवेट्स में जाने के दौरान 5-6 बाउंसर लेकर चलते हैं। गुरदास मान : पंजाब पुलिस से जरूरत पड़ने पर सिक्योरिटी मांगते हैं। ईवेट्स और प्रोग्राम के दौरान 12-15 बाउंसर लेकर चलते हैं। जस्सी गिल, बब्बल राय : कोई गनर नहीं है। ईवेट्स या कार्यक्रम में 5-6 बाउंसर लेकर चलते हैं। मास्टर सलीम : ईवेट्स पर जाने के दौरान एक गनमैन होता है। साथ ही 5-6 बाउंसर साथ लेकर चलते हैं। ज्यादातर गनर जरूरी नहीं समझते.

पंजाबी गायकों के साथ लंबे समय से जुड़े बाउंसर काकू ने कहा कि ज्यादातर पंजाबी गायक अपने साथ गनर रखना जरूरी नहीं समझते। कई केसिज ऐसे भी आते हैं कि उन्हें धमकी मिलती है, फिर भी वो ऐसा नहीं करते। साथ ही पेमेट को लेकर ज्यादातर इश्यू रहते हैं। मैंने परमीश वर्मा के साथ उनकी फिल्म रॉकी मेटल के दौरान सिक्योरिटी प्रोवाइड की थी। उसके बाद उन्होंने अपनी सिक्योरिटी बदल ली थी। बाउंसर का किरदार किसी अशांत जगह पर सेलिब्रिटी को शांति से ले जाने का होता है, मगर जहां गोली बारी हो, वहां बाउंसर भी कुछ नहीं कर सकता। उसके लिए गनर का होना जरूरी है।

ये हैं बाउंसर और गनर के रेट्स

पंजाबी इंडस्ट्री में इस दौरान हजारों की संख्या में बाउंसर कार्य कर रहे हैं। इनके दो गढ़ हैं। एक चंडीगढ़ और दूसरा जालंधर। बाउंसर की एक दिन की फीस 800-1000 रुपये है। अगर बाउंसर के साथ शहर के बाहर जाना है, तो ये फीस 2000 रुपये तक होती है। गनर के लिए एक दिन का किराया 1500 से 2500 रुपये तक होता है। अगर गनर को महीने के लिए अपने साथ रखना है, तो फीस 35,000-40,000 रुपये तक होती है।

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