देश ही नहीं विदेशों में भी रॉक गार्डन का जलवा है। इसे बनाने वाले पद्मश्री नेकचंद ने इस पर कितनी मेहनत की और क्या दिक्कतें आईं, यह सब कार्टून्स के जरिए बताया है अमेरिका में। शिकागो बेस्ड राइटर ने ‘द सीक्रेट किंगडम: नेकचंद, ए चेंजिंग इंडिया, एंड ए हिडन वर्ल्ड ऑफ आर्ट’ के नाम से एक बुक तैयार की है। बच्चों के लिए बुक्स लिखने वाली राइटर बार्ब रॉसेनस्टॉक ने बुक को इस तरह से तैयार करवाया है, ताकि बच्चे इसमें दिलचस्पी लें। शिकागो से एक बुक की कॉपी और लेटर रॉक गार्डन बनाने वाले नेकचंद के बेटे अनुज सैनी को भी भेजी है। इसमें कहा है कि अमेरिका के स्कूलों में बच्चों के लिए ये बुक रखवाई जा रही है।
फैक्ट एंड फिगर्स
– 1957 में नेकचंद ने इसे बनाने पर काम शुरू किया।
– 15 साल बाद प्रशासन को पता चला कि नेक चंद ने 12 एकड़ में वेस्ट मैटीरियल से एक एरिया तैयार कर दिया है
– 1976 में पब्लिक के लिए खोल दिया गया।
– 40 एकड़ में फैला है अब रॉक गार्डन
रॉक गार्डन के लिए आगे ये-एक एग्जिट फेस नेकचंद खुद डिजाइन करके गए थे, जिस पर अब काम चल रहा है। मीटिंग में ये अप्रूव हो चुका है, जिसका वर्क टेंडर प्रोसेस शुरू किया जाना है। इसमें बड़े-बड़े एनिमल्स के मॉडल लगाए जाएंगे, जिनके पेट में अंदर झूले लगेंगे, ताकि बच्चे एन्जॉय कर सके। एग्जिट फेस इसलिए ताकि वापसी के लिए उसी रास्ते से लोगों को न निकलना पड़े, जिससे वे अंदर जाते हैं।
50 पेज- बुक में 50 पेज हैं, जिनमें ज्यादातर में कार्टून के जरिए ही नेकचंद और रॉक गार्डन की कहानी को िदखाया गया है। ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए बुक की सेल भी शुरू कर दी गई है जो करीब 794 रुपए में बेची जा रही है। बुक में लिखा गया है कि किस तरह से नेकचंद ने करीब 15 साल तक इस गार्डन को प्रशासन से छिपाकर रखा।
अभी तक ये- इटली के म्यूजियम में रॉक गार्डन के मॉडल रखे गए हैं। इसके अलावा वहां पर एक किताब भी लॉन्च कीगई थी, जिसमें कहा गया कि इंडिया के टूरिस्ट प्लेसेज में ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा लोग रॉक गार्डन देखने के लिए जाते हैं।