चंडीगढ़ के ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को इन दिनों 12 की बजाय 15-15 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है। कई बार तो यह ड्यूटी 16 घटे तक पहुंच जाती है। कारण, उनकी चालान बुक पूरी नहीं हो पाती।
अमित कुमार गुप्ता, चंडीगढ़
चंडीगढ़ के ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को इन दिनों 12 की बजाय 15-15 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है। कई बार तो यह ड्यूटी 16 घटे तक पहुंच जाती है। कारण, उनकी चालान बुक पूरी नहीं हो पाती। शहर में एक नाके पर तो दिनभर में दस से ज्यादा चालान कटते है,जबकि दूसरे नाके पर एक भी चालान नहीं होता है। इस परेशानी से बचने के लिए ट्रैफिक पुलिस विभाग कर्मचारियों से ओवर टाइम ड्यूटी करवा रहा है। चंडीगढ़ में दो साल पहले 500 से ज्यादा ट्रैफिक पुलिस कर्मी सड़कों पर तैनात रहते थे। अब इनकी संख्या घटकर 373 रह गई हैं। उसका कारण भी ओवरटाइम ड्यूटी ही माना जा रहा है। नियमानुसार उनसे 12 घटो की ड्यूटी लेनी चाहिए। विभाग कर्मचारियों को नाके लगाने का अलग-अलग समय देती है। यह नाके कई तरह के होते है। उसमें ड्रंक एंड ड्राइव का नाका शुक्रवार, शनिवार और रविवार को शाम से ही लगना शुरू हो जाता है। इसके अलावा किसी विशेष त्योहार के मौके पर भी ड्रंक एंड ड्राइव के नाके लगते हैं। इसकेअलावा ओवरस्पीड का नाका शुक्रवार, रेड लाइट जंप करने पर सोमवार, मंगलवार और बुधवार को लगाए जाते है। 32 जगहों पर रहते है हमेशा नाके
नाके लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने शहर के 32 स्थान चिन्हित किए है। वहां सुबह से ही नाके लगे रहते है। इनमें बहलाना टी प्वाइंट, ट्रासपोर्ट लाइट प्वाइंट सेक्टर-26, हल्लोमाजरा और रेलवे फाटक का रोड, सेक्टर-8, 18 का डिवाइडिंग रोड, पिकाडली चौक, कालीबाड़ी मंदिर, सेक्टर-52,53 का रोड, भास्कर चौक, पीजीआई चौक आदि शामिल है। टारगेट नहीं, लेकिन टाइम पास भी न करें
पुलिस कर्मियों को चालान काटने का टारगेट नहीं है। पर वह ड्यूटी के समय टाइम पास भी न करें। शहर के अलग-अलग स्थानों पर कई नाके लगाए जाते है। कहीं पर 12 से ज्यादा चालान तो कहीं सिर्फ 2 चालान होते है। इसी कारण नाके की टाइमिंग बढ़ा दी जाती है।