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चंडीगढ़ में अब यूनानी और आयुर्वैदिक दवाइयों के जरिए भी होने लगा नशा

शहर में प्रतिबंधित यूनानी और आयुर्वैदिक दवाइयों के जरिए नशा करने और दवाइयों की दुकानों पर इनकी गलत तरीके से बिक्री के मामले सामने आ रहे हैं। नार्कोटिक्स विभाग ने बरसासा पेस्ट, आयुर्वैदिक नशा और स्वीट स्टोन जैसे पदार्थ बरामद किए हैं। इस बार पहली बार विभाग ने यूनानी और आयुर्वैदिक प्रतिबंधित दवाईयों की खेप बरामद कर मामले दर्ज किए हैं।

बरसासा पेस्ट एक यूनानी दवाई है जिसका प्रयोग दमा और खांसी से ग्रस्त रोगियों के उपचार के लिए किया जाता है। इस दवाई को तैयार करने के लिए इसमें अफीम मिलाई जाती है। यही कारण है कि इस दवाई को बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के बिना इसकी बिक्री किए जाने पर प्रतिबंध है, लेकिन बावजूद इसके नार्कोटिक्स टीम ने पाया कि पंजाब और चंडीगढ़ स्थित कुछ दवाई की दुकानों पर इन दवाओं की बिक्री की जा रही थी इस पर टीम ने संबंधित एरिया के ड्रग इस्पैक्टरों को साथ लेकर इन दवाई की खेप बरामद की है। अफीम की लत के आदी इन दवाओं को अवैध तरीके से खरीद कर इनका प्रयोग अपनी अफीम की लत को पूरा करने के लिए करते हैं। नारकोटिक्स विभाग ने पंजाब और चंडीगढ़ में दबिश कर इस साल करीब 96 किलो बरसासा पेस्ट बरामद किया है।

आयुर्वैंदिक दवाइयां :
कई ऐसी आयुर्वैदिक दवाइयों के नाम भी सामने आए हैं, जिनका प्रयोग विभिन्न तरह की बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है और इनको बनाने के लिए इनमें अफीम मिलाई जाती है। ऐसे में नशे के लत के आदी इन दवाइयों का प्रयोग अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए करते हैं जिसको देखते हुए ही इन इवाईयों की बिक्री बिना एक्सपर्ट के सलाह के किए जाना प्रतिबंधित है। कामिनी इस तरह की आयुर्वेदिक दवाईयों में से ही एक है। चंडीगढ़ व पंजाब में स्थित कई आयुर्वेदिक दवाई की दुकानों पर इस दवाई की बिक्री गलत तरीके से किए जाने के मामले सामने आए हैं, जिनकी धरपकड़ के लिए नारकोटिक्स टीम ने संबंधित एरिया के ड्रग इंस्पैक्टर को साथ लेकर लगभग साढ़े 15 किलो इस तरह की आयुर्वेदिक दवाईयां बरामद की हैं।

स्वीट स्टोन (टांका) : स्वीट स्टोन एक ऐसा पदार्थ है, जिसको अफीम में मिलाकर ड्रग तस्कर अफीम के वजन को बढ़ा देते हैं। यह पदार्थ पहली बार नारकोटिक्स विभाग की पकड़ में आया है। नारकोटिक्स विभाग ने इस साल विभिन्न मामलों के तहत आरोपियों के पास से लगभग 5 किलो स्वीट स्टोन बरामद किया है। वहीं दूसरी तरफ नारकोटिक्स विभाग ने इस साल 77 केस में 41 आरोपी गिरफ्तार किए हैं। आरोपियों के पास से साढ़े 40 किलो चरस, 136 किलो हैरोइन व अन्य मादक पदार्थ बरामद किए हैं।

नशे की लत के आदी यूनानी और आयुर्वेदिक दवाइयों को प्रयोग करते हैं। बिना डाक्टर की सलाह के यह दवाई बेचे जाने पर रोक है, लेकिन इन दवादयों को पंजाब और चंडीगढ़ में मैडीकल स्टोरों पर बेचा जा रहा था। नारकोटिक्स विभाग ने ड्रग इंस्पैक्टरों को साथ लेकर दुकानों से यह प्रतिबंधित दवाइयां जब्त की हैं। वहीं पहली बार एक स्वीट स्टोन (टांका) पकड़ में आया है, जिसका प्रयोग अफीम में मिलाकर उसकी मात्रा को बढ़ाने के लिए किया जाता है। -कोस्तुभ शर्मा, पूर्व जोनल डायरैक्टर, नार्काेटिक्स विभाग चंडीगढ़।

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