चंडीगढ़ में 615 सूखे पेड़ बने जान के 'दुश्मन', कटाई के लिए मंजूरी का इंतजार

चंडीगढ़ में 615 सूखे पेड़ बने जान के ‘दुश्मन’, कटाई के लिए मंजूरी का इंतजार

चंडीगढ़ में 615 सूखे पेड़ बने जान के ‘दुश्मन’, कटाई के लिए मंजूरी का इंतजार

यूटी प्रशासन की लापरवाही के चलते शहर में सूखे वृक्षों ने मौत के 615 ठिकाने बना लिए हैं। शहर में प्रवेश करते हुए ट्रिब्यून चौक तक 29 ऐसे पेड़ हैं, जो जानलेवा हैं। ट्रिब्यून चौक तक आने के लिए 29 बार जान दांव पर लगती है। खास बात यह है कि प्रशासन ने ही इन 615 सूखे और मृत वृक्षों की पहचान की है, जबकि अभी तक इन्हें काटने के लिए कुछ नहीं किया। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपे गए जवाब में भी इनकी मंजूरी संबंधित अथॉरिटी के पास लंबित दिखाई है।
मामला काजल नाम की एक मासूम लड़की से जुड़ा है, जो सड़क से गुजरते हुए एक ऐसे ही सूखे वृक्ष का शिकार हो गई थी। टहनी गिरने से उसकी टांग में गंभीर चोट आई और बाद में उसे काटना पड़ा। काजल फिर भी किस्मत वाली थी कि केवल टहनी गिरी क्योंकि शहर में ऐसे पूरे 615 वृक्ष मौजूद हैं, जो गिरने पर कई लोगों की जान ले सकते हैं। काजल ने जब मुआवजे के लिए हाईकोर्ट में दस्तक दी तो हाईकोर्ट ने याचिका का दायरा बढ़ाया और प्रशासन से इस बारे में जवाब मांगा। जब प्रशासन की ओर से जवाब दाखिल किया गया तो आंकड़े हैरान करने वाले थे।

प्रशासन की ओर से सौंपे गए आंकड़ों के अनुसार स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, फुटपाथ आदि स्थान पर ऐसे खतरनाक सूखे मृत वृक्ष मौजूद हैं। प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में सौंपे गए इस हलफनामे में शहर की सड़कों पर मौजूद गड्ढों और सड़क किनारे बने खुेल मेनहोल पर भी प्रशासन ने जवाब दिया। इस जवाब को रिकार्ड पर लेते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर गड्ढों और खुले मेन होल पर विस्तृत जानकारी तलब कर ली है।

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