जब नियम पालन नहीं करवा सकते तो कागज क्यों काले कर रहे हो’
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शादियों, पार्टियों व धार्मिक स्थलों पर होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर लगाम न लगा पाने पर पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई। हाईकोर्ट को पंजाब सरकार ने बताया कि उन्होंने नियम बनाएं हैं और अधिकारियों को शक्तियां दी हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि इसके बावजूद भी कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है, सरकार बताए कितने मामलों में मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई है। यदि नियम बनाकर कार्रवाई नहीं करनी है तो क्यों बेकार में कागज काले किए जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि शादियों-पार्टियों या लाउडस्पीकर लगाने वाले संस्थानों से इन्हें हटाने में पुलिस और प्रशासन क्यों डरता है।
यदि किसी को तेज संगीत या उपदेश सुनना है तो टीवी या इंटरनेट से घर पर सुने। इसे लाउडस्पीकर पर लगाकर लोगों को परेशान क्यों किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है और मजिस्ट्रेट के माध्यम से नियमों की पालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
‘जब नियम पालन नहीं करवा सकते तो कागज क्यों काले कर रहे हो’
=सोमवार को हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण से जुड़ीं तीन विभिन्न याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई शुरू की। ये याचिकाएं ध्वनि प्रदूषण को लेकर, शादी समारोह के दौरान डांसर को गोली लगने और अश्लील गानों को लेकर तथा हरियाणा में ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों का पालन न होने को लेकर थीं।
इन सभी की साथ में सुनवाई करते हुए सोमवार को हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा। पंजाब सरकार ने बताया कि उन्होंने अपनी ओर से बहुत प्र्र्रयास किए हैं कि ध्वनि प्रदूषण से लोगों को परेशानी न हो। इसके लिए यह व्यवस्था की गई है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर का प्रयोग न हो। इसके साथ ही छात्रों की परीक्षाओं के तीन दिन पहले से दिन में भी खुले स्थानों पर लाउडस्पीकर की पाबंदी का प्रावधान किया गया है।
पंजाब सरकार के इस जवाब पर हाईकोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि यह बताओ कि अब तक कितने मामलों में इन नियमों की अवहेलना करने पर केस दर्ज किया गया है। सरकार की ओर से इस बारे में कोई ठोस जवाब न मिलने पर कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई।